लखनऊ/रांची ः झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक बेहद तीखा चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि वह भी महाकुंभ में स्नान करने के लिए जाएंगे और अगर योगी आदित्यनाथ में हिम्मत है तो उन्हें रोक कर दिखाएं। अंसारी ने यह बयान जामताड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए दिया।
कुंभ स्नान पर इरफान अंसारी का बयान
इरफान अंसारी ने कहा कि मैं भी कुंभ में डुबकी लगाऊंगा। अगर योगी आदित्यनाथ में हिम्मत है तो मुझे रोक कर दिखा दें। उन्होंने यह भी कहा कि वह कुंभ स्नान के बाद उत्तर प्रदेश में जातिवाद और भेदभाव को खत्म करने के लिए काम करेंगे। अंसारी ने देशवासियों को कुंभ की शुभकामनाएं दीं और कहा कि कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य हमेशा सुशासन लाना और समाज में भेदभाव को समाप्त करना रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर निशाना
इरफान अंसारी ने यूपी के मुख्यमंत्री को सीधे तौर पर चुनौती देते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को बोल दो, इरफान अंसारी आ रहा है। अगर हिम्मत है तो मुझे रोक कर दिखाएं।” उनके इस बयान से स्पष्ट था कि वह योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार को चुनौती दे रहे थे, खासतौर पर धार्मिक आयोजनों में किसी के प्रवेश को लेकर लगाए गए किसी भी प्रतिबंध को लेकर।
बीजेपी का पलटवार
इस बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने इरफान अंसारी के बयान को नकारात्मक और विवादास्पद करार दिया। उन्होंने कहा कि इरफान अंसारी एक जिम्मेदार मंत्री हैं, उन्हें पहले अपनी मानसिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। पासवान ने आरोप लगाया कि अंसारी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसे विवादित बयान दे रहे हैं।
गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि महाकुंभ में तो सभी धर्मों और आस्थाओं के लोग आते हैं, और वहां किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता। इन तरह के बयान केवल समाज में नकारात्मकता फैलाने और आक्रोश उत्पन्न करने के लिए दिए जाते हैं। हमारी सनातन संस्कृति समरसता की संस्कृति है, और हमारे दृष्टिकोण में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं है।”
इरफान अंसारी का उद्देश्य
इरफान अंसारी के बयान को लेकर उनके समर्थक और विपक्ष दोनों में ही अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां बीजेपी इसे केवल एक विवादित बयान मान रही है, वहीं अंसारी का कहना है कि उनका उद्देश्य समाज में समानता और भेदभाव के खिलाफ काम करना है। उनका कहना है कि वह अपने काम के जरिए उत्तर प्रदेश में जातिवाद और भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास करेंगे।