जामताड़ा : झारखंड की राजनीतिक परिदृश्य में विधानसभा चुनाव के तहत मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। जामताड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा है कि शाह को झारखंड के मुद्दों की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह सवाल उठाया, “अमित शाह एक वरिष्ठ राजनेता हैं, लेकिन उन्हें झारखंड के विषयों का ज्ञान नहीं है। वे पहले कहां थे?”
इरफान अंसारी ने भाजपा के घोषणा पत्र पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि इसमें राज्य के विकास और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए कोई स्पष्ट योजना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता केवल चुनावी रैलियों और वादों में व्यस्त हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि राज्य की जनता आज भी कई समस्याओं से जूझ रही है।
इस संदर्भ में इरफान अंसारी ने उदाहरण देते हुए कहा कि झारखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने कहा, “सरकार के पास न तो ठोस नीति है और न ही कोई योजना। लोग रोजगार के लिए तरस रहे हैं, और युवा वर्ग निराशा में है।” उनका यह बयान दर्शाता है कि राज्य की जनता अब राजनीतिक दलों की वादाखिलाफी से तंग आ चुकी है और वे अब वास्तविक विकास की उम्मीद कर रही हैं।
उनका यह बयान भाजपा के लिए एक चुनौती के रूप में उभरा है, खासकर तब जब भाजपा ने पिछले 25 वर्षों से झारखंड में घुसपैठ के मुद्दे को अपनी राजनीति का एक प्रमुख हिस्सा बनाया है। अंसारी ने कहा, “भाजपा सत्ता में है, लेकिन फिर भी उन्होंने इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।” उनका यह तर्क भाजपा की कार्यशैली और उसके वादों की सच्चाई पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
भाजपा का तर्क है कि वे राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इरफान अंसारी ने इसके विपरीत उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले वर्षों में भाजपा की नीतियों के परिणामस्वरूप झारखंड में घुसपैठ और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा वास्तव में राज्य के विकास में रुचि रखती थी, तो उन्हें पहले से ही इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए थे।
कांग्रेस नेता ने यह भी उल्लेख किया कि झारखंड की राजनीति में स्थिरता और विकास की आवश्यकता है, और केवल चुनावी वादों से कुछ नहीं होगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस बार सोच-समझकर मतदान करें और ऐसी सरकार का चयन करें जो वास्तव में उनकी समस्याओं को समझे और उनके समाधान के लिए काम करे।


