नई दिल्ली : मध्य पूर्व से एक बड़ी और गंभीर खबर सामने आई है। इजरायल ने शुक्रवार की सुबह ईरान की राजधानी तेहरान पर बड़ा सैन्य हमला किया है। इस हमले के बाद सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि ईरान की कई इमारतों से घना धुआं उठ रहा है। बताया जा रहा है कि इस हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया है।
Israel Iran Attack : परमाणु ठिकानों पर हमला या नागरिक इलाकों पर?
इजरायली सेना के मुताबिक यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर किया गया था। वहीं, ईरान सरकार ने दावा किया है कि इजरायल ने नागरिक इलाकों पर हमला किया है, जिसमें कई लोगों की जान गई और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है।
- इजरायल ने ईरान के आर्मी चीफ को भी मारा, तोड़ दी मिलिट्री की रीढ़
इजरायल ने 13 जून 2025 को “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के कई महत्वपूर्ण सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमला किया। इस हमले में ईरान के आर्मी चीफ जनरल मोहम्मद बाघेरी और आईआरजीसी प्रमुख जनरल हुसैन सलामी समेत कई शीर्ष सैन्य कमांडर मारे गए।
- ऑपरेशन राइजिंग लायन: ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को निशाना
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस सैन्य कार्रवाई को “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया। इसका उद्देश्य ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को नष्ट करना था। नेतन्याहू ने कहा कि यह ऑपरेशन ईरान के न्यूक्लियर हथियार बनाने की क्षमता को खत्म करने के लिए आवश्यक था।
- ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों की मौत
हमले में ईरान के प्रमुख सैन्य कमांडरों की मौत हुई, जिनमें जनरल हुसैन सलामी, जनरल मोहम्मद बाघेरी, जनरल अमीर अली हाजीजादेह, जनरल घोलाम अली राशिद, और अली शामखानी शामिल हैं। इसके अलावा, दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक, डॉ. फेरेदून अब्बासी और डॉ. मोहम्मद मेहदी तेहरांची भी मारे गए।
- ईरान का जवाब: 100 से अधिक ड्रोन हमले
इजरायल के हमले के बाद, ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन हमले किए, जिनमें से सभी को इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया। ईरान ने इसे इजरायल के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया बताया।
- इजरायल की प्रतिक्रिया: ऑपरेशन जारी रखने की चेतावनी
इजरायल ने चेतावनी दी है कि ऑपरेशन राइजिंग लायन तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान की परमाणु और सैन्य क्षमता पूरी तरह से नष्ट नहीं हो जाती। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि ईरान को यह समझना होगा कि इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
- अमेरिका की प्रतिक्रिया: इजरायल का समर्थन
अमेरिका ने इजरायल की कार्रवाई का समर्थन किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें पहले से जानकारी थी कि इजरायल ईरान के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने वाला है, लेकिन अमेरिका इस हमले में शामिल नहीं था।
- ईरान का बयान: इजरायल को सजा देने की धमकी
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनाई ने इजरायल को इस हमले के लिए सजा देने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि ईरान इस हमले का बदला जरूर लेगा और इजरायल को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
- वैश्विक प्रतिक्रिया: संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक
संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले के बाद आपात बैठक बुलाई है। वैश्विक नेता, विशेष रूप से ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी, ने संयम बरतने की अपील की है, ताकि क्षेत्रीय तनाव और बढ़ने से बचा जा सके।
- तेल की कीमतों में उछाल
इस सैन्य कार्रवाई के बाद, वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता देखी गई है। तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है, क्योंकि खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ने से आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
- क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंका
विश्लेषकों का मानना है कि इस हमले से मध्य पूर्व में क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव से अन्य देशों, जैसे कि सऊदी अरब, तुर्की और रूस, की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी।
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