नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार द्वारा जमशेदपुर को ‘औद्योगिक टाउनशिप’ घोषित करने के फैसले पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया है और दोनों पक्षों से चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। अदालत की अगली सुनवाई जुलाई में होगी।
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता जवाहर लाल शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका में 28 दिसंबर 2023 को जारी झारखंड सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है, जिसमें जमशेदपुर को एक ‘औद्योगिक टाउनशिप’ घोषित किया गया था।
इस याचिका में यह कहा गया है कि सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम संविधान के अनुच्छेद 243Q(1) के विरुद्ध है, जो नगरीय निकायों के गठन को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश देता है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि याचिका पहले दायर की गई याचिका का ही विस्तार है और अब इसमें 2023 की अधिसूचना को चुनौती दी जा रही है। कोर्ट ने टिप्पणी की,
“भले ही अधिसूचना को अलग से चुनौती नहीं दी गई हो, लेकिन यदि कानून की धारा को ही रद्द कर दिया गया तो अधिसूचना भी टिक नहीं पाएगी।”
इसके साथ ही अदालत ने झारखंड सरकार और अन्य पक्षों को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 481 पर सवाल
याचिकाकर्ता ने झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 481 को भी असंवैधानिक बताया है। इस धारा के तहत राज्य सरकार को औद्योगिक क्षेत्रों को टाउनशिप घोषित करने का अधिकार है, जिससे स्थानीय निकायों का गठन रोका जा सकता है।
याचिकाकर्ता का तर्क है कि इससे नागरिकों को स्थानीय स्तर पर चुनी हुई सरकार के माध्यम से प्रतिनिधित्व करने के संवैधानिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
जमशेदपुर का प्रशासनिक मॉडल विवादों में
जमशेदपुर शहर का एक बड़ा हिस्सा वर्षों से टाटा स्टील द्वारा प्रशासित किया जाता रहा है। वर्तमान में यह क्षेत्र एक 27 सदस्यीय समिति के माध्यम से संचालित होता है, जिसमें टाटा स्टील के प्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी शामिल होते हैं।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस प्रणाली में जनता की कोई सीधी भागीदारी नहीं है और यह लोकतंत्र की भावना के विपरीत है।
इससे पहले भी उठ चुका है मुद्दा
यह मामला पहली बार कोर्ट में नहीं आया है। इससे पहले 2018 में भी याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जमशेदपुर में निर्वाचित नगर निगम बनाने की मांग की थी।
वर्तमान याचिका को उस लंबित मामले के साथ जोड़ दिया गया है।
झारखंड हाई कोर्ट की कार्रवाई स्थगित
इसी मुद्दे पर झारखंड हाई कोर्ट में भी एक याचिका लंबित है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को देखते हुए हाई कोर्ट ने फिलहाल अपनी सुनवाई रोक दी है।
क्या है आगे का रास्ता?
सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब मांगा है और अब इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई 2025 में होगी। यह सुनवाई तय करेगी कि जमशेदपुर को ‘नगर निगम’ का दर्जा मिलेगा या वर्तमान औद्योगिक टाउनशिप मॉडल ही जारी रहेगा।


