Jamshedpur News : बुधवार को जमशेदपुर के बारीडीह स्थित बजरंग चौक पर उस वक्त हंगामे का माहौल बन गया, जब टाटा स्टील यूआइएसएल और जेएनएसी की संयुक्त टीम बुलडोजर लेकर पहुंची और अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहतकरीब 40 साल से संचालित नौ दुकानों को जमींदोज कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान दुकानदारों ने जमकर विरोध किया, कई दुकानदार बुल्डोजर के सामने आ गए, लेकिन उनकी एक न चली।
प्रशासनिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में चार घंटे तक चला यह अभियान दोपहर 12 बजे शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर ये दुकानें थीं, वहीं टाटा मणिपाल मेडिकल कॉलेज का द्वार बनना है। इसी कारण इन दुकानों को हटाया गया।
अफरा-तफरी के बीच टूटीं दुकानें, राजनीति भी गरमाई
बुलडोजर के पहुंचते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। कई दुकानदारों का कहना है कि वे अपना सामान तक नहीं निकाल पाए। कुछ दुकानें स्टेशनरी, पान, साइकिल रिपेयरिंग, धोबी और नाश्ते की थीं। मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और बुल्डोजर के आगे खड़े होकर अभियान का विरोध करने लगे। हालांकि, कुछ समय बाद उन्हें हटना पड़ा और कार्रवाई दोबारा शुरू हुई। झामुमो और जदयू के नेता भी विरोध में आए, लेकिन अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रहा।
“लोन लेकर दुकान खोली थी, अब क्या करें”

भोला रजक नामक दुकानदार ने बताया कि उनकी दुकान यहां 40 साल से थी और उन्होंने बैंक से लोन लेकर दुकान चलाई थी। वह कहते हैं, “पहले कहा गया था कि मेडिकल कॉलेज की बाउंड्री बनने के बाद दुकान फिर से लगाने दी जाएगी, मगर अब हमेशा के लिए हटा दिया गया।”
भोला और अन्य दुकानदारों की मांग है कि प्रशासन उन्हें वैकल्पिक स्थान दे, जहां वे फिर से अपनी दुकान लगा सकें। दुकानदारों ने कहा कि वे डीसी ऑफिस जाकर अपनी बात रखेंगे और पुनर्वास की मांग करेंगे।
प्रशासन ने तैनात की भारी पुलिस फोर्स
किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था। सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच ही यह अतिक्रमण हटाओ अभियान सम्पन्न हुआ।
बारीडीह में 40 साल पुरानी दुकानों के टूटने से कई परिवारों के अरमान भी चकनाचूर हो गए। अब सवाल यह है कि क्या इन दुकानदारों को पुनर्वास मिलेगा या वे यूं ही सड़क पर आ जाएंगे?