जमशेदपुर। मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा एस्टेट में चल रहे श्री शिवकथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन (Jamshedpur Shivkatha) शनिवार को कथा वाचक स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज ने महादेव को अर्पित विल्वपत्र, ओंकारेश्वर, विश्वनाथ महाकाल कथा का विस्तार से वर्णन किया। बेल पत्र महिमा का बखान करते हुए महाराज श्री ने भक्तों से कहा कि सावन माह, शिवरात्रि या साप्ताहिक सोमवार को भगवान शिव जी की आराधना में बेल पत्र यानि बिल्व पत्रों का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि शिवलिंग पर सिर्फ बिल्व पत्र ही अर्पित किये जाएं तब भी भगवान भोले अपने भक्त की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं।
बिल्व पत्र के वृक्ष को ‘श्री वृक्ष’ और ‘शिवद्रुम’ भी कहते हैं। बिल्वाष्टक और शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय हैं। मान्यता है कि बेल पत्र के तीनो पत्ते त्रिनेत्रस्वरूप् भगवान शिव के तीनों नेत्रों को विशेष प्रिय हैं। बिल्व पत्र के पूजन से सभी पापो का नाश होता है। (Jamshedpur Shivkatha)
भगवान शिव कल्याण व सुख के श्रोत हैं:
कथावाचक ने आगे कहा कि भगवान शिव कल्याण और सुख के मूल श्रोत हैं। कलियुग में शिव कथा के समान कोई भी कल्याणकारी सरल मार्ग नहीं है, क्योंकि शिव कथा से शरीर, वाणी व मन द्वारा किए हुए पाप धुल जाते हैं। भगवान शिव पर एक बेलपत्र और एक लोटा जल चढ़ाने से मनुष्य को सभी समस्याओं का हल मिलता हैं। भगवान शिव जन जन का कल्याण करते हैं। शिव कथा जीव के पूर्व जन्मों के समस्त पापों को दूर कर शिव कृपा का मार्ग प्रशस्त करती है।(Jamshedpur Shivkatha)
महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी से कहा कि भगवान शिव की महिमा को यदि हम शब्दों में व्यक्त करना चाहे तो नहीं कर सकते क्योंकि उनकी ऊंचाई को यदि मापना चाहे तो आकाश के सामान और गहराई सागर के समतुल्य है। भगवान शिव जो कल्याण एवं सुख मूल के स्त्रोत है। जो संपूर्ण विद्याओं के ईश्वर, समस्त भूतों के अधीश्वर, ब्रह्मवेद के आदिपत्य एवं साक्षात परमात्मा है। महाराज जी ने कथा के माध्यम से भगवान श्री शिव के अलग-अलग रूपों की जीवंत झांकियों का दर्शन कराया। शिव कथा के दौरान हुए भजन संगीत कार्यक्रम एवं धार्मिक धुन पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। आज के यजमान किरण-उमाशंकर शर्मा थे।
(Jamshedpur Shivkatha) महाराज जी छठवें दिन रविवार को ओम्कारेश्वर विश्वनाथ महाकाल की कथा तथा सातवें दिन सोमवार को तारकासुर वध कथा एवं कार्तिकेय चरित्र कथा की महिमा का प्रसंग सुनायेंगे।
Jamshedpur Shivkatha- कथा में ये हुए शामिल:
टाटा स्टील उपाध्यक्ष डीबीएस सुन्दरम, प्रतिप़क्ष नेता अमर बाउरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता अभय सिंह, कुणाल षाड़गी, राजीव रंजन, कुलवंत सिंह बंटी, अमरसिंह राजा, संजीव सिंह, शिव शंकर सिंह, मुन्ना अग्रवाल आदि ने शिव और बांके बिहारी के दरबार में हाजरी लगायी और कथा का आनन्द लिया। साथ ही स्वामी वृजनंदन शास्त्री से आर्शीवाद लिया और झारखंड के विकास की प्रार्थना की।
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