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Jamshedpur Exclusive News: पूर्वी सिंहभूम में अब नहीं होंगी देसी व विदेशी शराब की अलग दुकानें

शराब दुकानों में राजस्व निर्धारण का काम अधूरा रहने की वजह से नहीं शुरू हुई लॉटरी की प्रक्रिया

by Mujtaba Haider Rizvi
jamshedpur wine shop
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Jamshedpur Exclusive News : पूर्वी सिंहभूम जिले में शराब दुकानों की नीलामी की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। डीसी कर्ण सत्यार्थी दुकानों का खाका तैयार करा रहे हैं। सरकार के आदेश के अनुसार अब जिले में दो तरह की दुकानें नहीं खुलेंगी। प्रशासन ने तय किया है कि जिले में कंपोजिट दुकानें ही खोली जाएं। इसलिए, पूर्वी सिंहभूम जिले में अब 109 कंपोजिट दुकानें ही खुलेंगी। इन दुकानों की नीलामी का प्रस्ताव तैयार हो रहा है। प्रस्ताव तैयार होने के बाद इसे उत्पाद विभाग, रांची को भेजा जाएगा। तब जाकर राज्य स्तर से शराब दुकानों की लॉटरी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। माना जा रहा है कि पूर्वी सिंहभूम जिले से दुकानों का प्रस्ताव तैयार होने में देरी होने की वजह से ही राज्य स्तर से लॉटरी की प्रक्रिया अटकी हुई है।
जिले में शराब की 109 दुकानें हैं।

इनमें से अब तक कंपोजिट शराब की 60, विदेशी शराब की 43 और देसी शराब की सात दुकानें थीं। मगर, अब शराब की बिक्री का जो नया खाका तैयार हुआ है उसके अनुसार जिले में शराब की सभी 109 दुकानों को कंपोजिट कर दिया गया है। इन कंपोजिट दुकानों में देसी और विदेशी दोनों किस्म की शराब उपलब्ध होगी। उत्पाद विभाग चाहता था कि जिले में देसी शराब की दुकानें भी खुलें। क्योंकि, सरकार का कहना है कि किसी भी जिले में अब तीन तरह की नहीं, बल्कि दो तरह की दुकानें खोली जा सकती हैं। उत्पाद विभाग का मानना है कि कंपोजिट दुकानों में गरीब मजदूर शराब खरीदने जाने में हिचकेंगे। इस वजह से अगर शराब की देसी दुकान रहेगी, तो वहां मजदूर तबका शराब खरीदने आसानी से जाएगा। मगर, प्रशासन ने तय किया है कि देसी शराब की दुकान नहीं खोली जाएगी। कंपोजिट शराब दुकान से ही देसी शराब की बिक्री की जाएगी।

मिलेगा 256 करोड़ का राजस्व


उत्पाद विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 419 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा था। मगर, बीच में व्यवस्था बदल जाने से अब सितंबर से लेकर अगले साल मार्च तक के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले में 256 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। अब इस राजस्व लक्ष्य को लेकर जिले की सभी 109 दुकानों का एमजीआर तय कर दिया गया है। मगर, कुछ दुकानों की एमजीआर में गड़बड़ी हुई है। अब इस एजीआर को सुधारने का काम चल रहा है। मसलन, कदमा की एक दुकान का एमजीआर अगर तीन करोड़ रुपये तय हो गया है, तो दूसरी दुकान एक करोड़ रुपये। इसी असंतुलन को ठीक करना है। इसके बाद लॉटरी का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद दुकानदार आवेदन करेंगे और इसके बाद लॉटरी होगी।

एक कंपनी ले सकती है जिले में एक व राज्य में नौ समूह

उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक कंपनी एक जिले में तीन समूह की दुकानें ले सकता है। एक समूह में तीन दुकानें हैं। एक कंपनी राज्य में नौ समूह की दुकानें ले सकता है। कंपनी चाहे जितने समूह के लिए आवेदन करें। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही दुकानों की लॉटरी की जाएगी।

जिले में 33 करोड़ रुपये का है उलटफेर

उत्पाद विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में 33 करोड़ रुपये का उलटफेर हुआ है। यह बात जांच में सामने आई है कि प्लेसमेंट एजेंसी वावेल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के लोगों ने जितने की शराब बेची, उसमें से 33 करोड़ रुपये सरकार को नहीं दिए। उत्पाद विभाग ने सरकार को इस गड़बड़ी से अवगत करा दिया है। जबकि, प्लेसमेंट एजेंसी हाई कोर्ट चली गई है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी।

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