रांची : झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और उसके गठबंधन (INDIA) को मिला विशाल जनादेश यह दर्शाता है कि पार्टी ने जनता के दिलों में अपनी मजबूत जगह बना ली है। हालांकि, इस बयान पर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ा विरोध जताया।
झामुमो ने भाजपा को दी कड़ी टक्कर
झामुमो नीत गठबंधन ने नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के जोरदार प्रचार अभियान को ध्वस्त करते हुए सत्ता में वापसी की। राज्यपाल ने विधानसभा में अपने अभिभाषण के दौरान कहा, “चुनाव में रिकॉर्ड मतदान न केवल लोकतंत्र में लोगों की आस्था को दर्शाता है, बल्कि सरकार की नीतियों और कामकाजी दृष्टिकोण पर भी जनता का विश्वास व्यक्त करता है।”
चुनाव को लोकतंत्र का महापर्व बताया
गंगवार ने चुनाव को लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार बताते हुए कहा कि यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सरकार के लिए जनकल्याण के दिशा में प्रतिबद्ध रहने की प्रेरणा है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया, जिनमें ‘मईयां सम्मान योजना’ और ‘अबुआ आवास’ प्रमुख हैं।
भ्रष्टाचार और नक्सलवाद पर सख्त कदम
राज्यपाल ने झारखंड की सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार को लेकर भी बात की और कहा कि राज्य सरकार इसे समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। गंगवार ने जानकारी दी कि पिछले कुछ समय में 56 अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, 2024 में 248 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 24 नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया गया और नौ को मार गिराया गया।
भाजपा ने राज्यपाल के बयान को नकारा
इस बीच, विपक्षी दल भाजपा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर तीखा विरोध जताया और इसे पूरी तरह से ग़लत बताया। भाजपा के विरोध पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि सदन की कार्यवाही में बाधा डालना विधानसभा की परंपरा के खिलाफ है।
झारखंड में झामुमो की नई राजनीतिक शक्ति
नवंबर 2024 में झामुमो के नेतृत्व में गठबंधन की शानदार जीत के बाद, दिसंबर में विधानसभा का चार दिवसीय सत्र आयोजित हुआ था। इस सत्र के दौरान रवींद्रनाथ महतो को विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया और सभी 81 सदस्यों ने शपथ ली। यह सत्र राज्य के नए राजनीतिक दिशा की शुरुआत मानी जा रही है।