रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक रविंद्रनाथ महतो को लगातार दूसरी बार झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में चुन लिया गया है। उन्हें आज सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। यह पहली बार है जब झारखंड विधानसभा में किसी स्पीकर को निर्विरोध चुना गया है, जो एक ऐतिहासिक पल है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रस्ताव और सभी दलों का समर्थन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविंद्रनाथ महतो का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया, जिसे सभी दलों ने समर्थन दिया। महतो के निर्विरोध चुनाव से यह स्पष्ट हो गया कि सत्ताधारी गठबंधन के साथ-साथ विपक्ष भी उनके नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करता है।
बाबूलाल मरांडी और सरजू राय का समर्थन
रविंद्रनाथ महतो के नामांकन पत्र में एक अहम पहलू यह था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता बाबूलाल मरांडी और जेडीयू के विधायक सरजू राय ने भी अलग-अलग सेट के प्रस्तावक के रूप में उनका समर्थन किया। यह सहयोग राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दर्शाता है कि महतो के प्रति राज्य के राजनीतिक दलों में एकजुटता है।
निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने के बाद का माहौल
आज झारखंड विधानसभा के सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही रविंद्रनाथ महतो को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया। इसके बाद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी ने उन्हें आसन पर बिठाने के लिए उन्हें आगे बढ़ाया, और यह एक सम्मानजनक क्षण था।
झारखंड के इतिहास में ऐतिहासिक मौका
झारखंड के विधानसभा इतिहास में यह पहली बार है जब स्पीकर का चुनाव निर्विरोध हुआ है। यह राज्य की राजनीति के लिए एक नई दिशा और स्थिरता का संकेत है। महतो के लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनने से यह साबित होता है कि उनके नेतृत्व पर सभी दलों का विश्वास है।
अब माना जा रहा है कि रविंद्रनाथ महतो का यह चुनाव राज्य के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है और उनकी अध्यक्षता के तहत विधानसभा की कार्यवाही की दिशा में नया मोड़ देखने को मिल सकता है।
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