Jamshedpur : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के अमृत काल में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्ष पूरे होने पर झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को जमशेदपुर के बिष्टुपुर में संवाददाता सम्मेलन में केंद्र सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। इस दौरान उन्होंने राज्य की मौजूदा सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए। बाबूलाल मरांडी ने यहां प्रोफेशनल मीट भी की और शहर के प्रबुद्धजनों से संवाद भी किया।
बाबूलाल मरांडी ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से झारखंड में 2 करोड़ 60 लाख से अधिक लाभार्थियों को राहत मिली है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख 50 हजार गरीब परिवारों को आवास प्राप्त हुए हैं।
हर घर नल से जल योजना के अंतर्गत झारखंड के ग्रामीण परिवारों को पीने का साफ पानी मिल रहा है, जिससे जीवन स्तर में सुधार आया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जैसे कार्यक्रमों से सीधे तौर पर गरीबों और किसानों को सुरक्षा और आर्थिक संबल मिला है। बाबूलाल मरांडी ने बताया कि झारखंड के 27 लाख किसान हर साल 6,000 रुपये की सहायता राशि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से प्राप्त कर रहे हैं।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ
उन्होंने विशेष रूप से आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इस योजना से देश भर में 55 करोड़ से अधिक लोगों को हर वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सिर्फ झारखंड में ही 2 करोड़ 59 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
राज्य सरकार पर हमला
जब उनसे विदेशी घुसपैठ पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय इस विषय पर गंभीरता से कार्य कर रहा है, लेकिन झारखंड सहित कई राज्यों की विपक्षी सरकारें घुसपैठियों को बसाने में लगी हुई हैं, उन्हें जमीन और आधार कार्ड तक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि रांची स्थित रिम्स अस्पताल में कई महत्वपूर्ण उपकरण खराब पड़े हैं, जो राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किसानों की तुलना क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से किए जाने पर मरांडी ने तंज कसते हुए कहा कि धोनी अपने मेहनत और संसाधनों से खेती कर रहे हैं, जबकि झारखंड के किसानों को समय पर बीज और खाद तक नहीं मिल पा रहे हैं। अंत में उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है, और यह राज्य के विकास में सबसे बड़ी बाधा बन चुका है।