Ranchi (Jharkhand) : झारखंड अपराध अनुसंधान विभाग (CID) की साइबर क्राइम थाना पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने 49.98 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में गुजरात के अहमदाबाद से एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। गिरफ्तार किए गए साइबर आरोपी की पहचान रवि हरामुखलाल गोधनिया (उम्र 27 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड, तीन एटीएम कार्ड, एक हार्डडिस्क और मामले से संबंधित व्हाट्सएप चैट के साथ-साथ तीन चेक बुक भी बरामद की हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर धमकी देकर की ठगी
सीआईडी डीसीपी नेहा बाला ने सोमवार को इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि साइबर क्राइम थाना में 14 मई को पीड़ित व्यक्ति ने आईटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में पीड़ित ने बताया था कि साइबर अपराधियों ने उन्हें व्हाट्सएप कॉल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग जैसे झूठे अपराध में फंसाने की धमकी दी थी। आरोपियों ने खुद को बेंगलुरु पुलिस का अधिकारी (केन्द्रीय प्रवर्तन एजेंसियों सीबीआई, एनसीबी और एनआईए का अधिकारी बताकर) बताया और पीड़ित पर 300 करोड़ रुपये के एक मामले में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया। इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित को डिजिटल गिरफ्तारी (लगातार वीडियो कॉल पर मानसिक दबाव बनाकर) में रखा और खाते के सत्यापन के नाम पर उनसे धोखे से 49 लाख 98 हजार 888 रुपये ठग लिए।
Cyber Fraud Busted : तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर हुई गिरफ्तारी
डीसीपी नेहा बाला ने बताया कि अनुसंधान के दौरान प्राप्त तकनीकी और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर छापेमारी कर इस मामले में शामिल एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी के नाम पर इंडियन बैंक में एक खाता संख्या 20307033166 खोला गया था, जिसमें एक ही दिन में 79 लाख रुपये जमा हुए थे। यह खाता पहले से ही बेंगलुरु के सीईएन क्राइम थाना में दर्ज केस संख्या 405/2025 से भी जुड़ा हुआ पाया गया है। फिलहाल, संबंधित बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है और उनमें हुए सभी ट्रांजेक्शन की गहन जांच जारी है।
Cyber Fraud Busted : डीएसपी ने बताया साइबर ठगी से बचने का तरीका
डीएसपी नेहा बाला ने इस तरह के साइबर अपराधों से आम लोगों को बचने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी सरकारी एजेंसी (चाहे वह सीबीआई हो, एनआईए, एनसीबी या क्राइम ब्रांच) कभी भी वीडियो कॉल के माध्यम से किसी को गिरफ्तार नहीं करती है और न ही डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान है। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी अनजान व्यक्ति की धमकी या दबाव में आकर कभी भी कोई धनराशि किसी अनजान बैंक खाते में ट्रांसफर न करें।
इसके अलावा, अपनी बैंक डिटेल, ओटीपी और यूपीआई पिन जैसी संवेदनशील जानकारी कभी भी किसी के साथ साझा न करें। डीएसपी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति खुद को सरकारी अधिकारी बताकर फोन करता है और आपसे पैसे की मांग करता है, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर उस मोबाइल नंबर के धारक के खिलाफ शिकायत दर्ज करें। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर ठगी से संबंधित किसी भी सूचना पर तुरंत अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर थाने से संपर्क करें।