RANCHI (JHARKHAND): झारखंड में एक बार फिर से कोरोना पांव पसार रहा है। नए मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। लेकिन राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में वायरस के प्रकार की पहचान के लिए जरूरी जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं हो रही है। जिससे कोविड के वैरिएंट का पता यहां के मरीजों में नहीं मिल पा रहा है। वहीं इस मामले में रिम्स के बायो केमेस्ट्री विभाग की डॉ. अनुपा प्रसाद ने जानकारी दी कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आवश्यक सैंपल अब तक उपलब्ध नहीं हो सके हैं, जिस कारण यह प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। सैंपल मिलेंगे तो टेस्ट किया जाएगा। हमारी मशीन फंक्शनल है। लेकिन पर्याप्त सैंपल नहीं मिल पा रहा है।
18 दिनों में 432 सैंपल की टेस्टिंग
स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को जिले में 27 लोगों की कोरोना जांच की गई, जिनमें 7 लोग पॉजिटिव पाए गए। इसके साथ ही राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। 24 मई से अब तक कुल 432 सैंपल की जांच की गई है, जिनमें से 31 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
मशीन रन के लिए जरूरत है 75 सैंपल की
एक्सपर्ट्स की माने तो जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए न्यूनतम 75 सैंपल की आवश्यकता होती है, जबकि बेहतर विश्लेषण के लिए 96 सैंपल होना जरूरी है। जीनोम सीक्वेंसिंग न केवल यह जानने में मदद करता है कि वायरस में कौन से म्यूटेशन हो रहे हैं, बल्कि यह संक्रमण की रफ्तार, गंभीरता और इसके फैलाव की दिशा को समझने में भी उपयोगी होता है। इससे टीकाकरण और रोकथाम की रणनीतियों को भी सटीक रूप से तैयार किया जा सकता है।
रिम्स को बनाया गया है सेंटर
रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि राज्य में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए रिम्स को नामित केंद्र बनाया गया है। उन्होंने कहा हम पॉजिटिव मरीजों खासकर जिनमें असामान्य लक्षण या गंभीर संक्रमण है, उनके सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं। इस बीच, राज्य सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म) पोर्टल पर प्रतिदिन कोविड-19, इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और गंभीर श्वसन संक्रमण के मामलों की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें। इसके साथ ही IDSP (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) के अंतर्गत सभी जिला सर्विलांस अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे हर दिन शाम 5 बजे तक यह जानकारी आईडीएसपी झारखंड के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में भी साझा करें।
अस्पतालों को समय पर जानकारी देने का निर्देश
राज्य के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे समय पर जानकारी दें ताकि संक्रमण के रुझान का विश्लेषण कर प्रभावी निगरानी और प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। वर्तमान में जीनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया के विलंब से यह साफ हो गया है कि राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्कता की आवश्यकता पहले से अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते जीनोम विश्लेषण नहीं हुआ, तो न केवल संक्रमण के स्वरूप को पहचानना मुश्किल होगा, बल्कि उससे निपटने में परेशानी हो जाएगी।


