RANCHI (JHARKHAND): राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन शुक्रवार को टाना भगत इंडोर स्टेडियम खेलगांव, रांची परिसर में आयोजित ईस्ट टेक सिंपोजियम-2025 (डिफेंस एक्सपो) कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि ईस्ट टेक सिम्पोजियम 2025 रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को इस आयोजन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज का दिन राज्य के लिए महत्वपूर्ण दिन है। राजधानी रांची स्थित वीर टाना भगत इंडोर स्टेडियम परिसर खेलगांव में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर से “ईस्ट टेक सिम्पोजियम-2025” का ऐतिहासिक आयोजन किया जा रहा है। ये आयोजन अपने आप में एक विशिष्ट कार्यक्रम है। जिसमें रक्षा क्षेत्र के कई नए आयाम जोड़ने की पहल की जा रही है।

केंद्र को सहयोग करेगा झारखंड
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन के उद्देश्य को पूरा करने में हमें जरूर सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड ने देश को बहुत कुछ दिया है, इस राज्य में डिफेंस सेक्टर से जुड़े उद्योग क्षेत्र के विस्तार की भी प्रबल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र के साथ पूरा सहयोग करने हेतु प्रतिबद्ध है।

उद्योग विस्तार की असीम संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड संभावनाओं का प्रदेश है। यहां रक्षा सेक्टर में उपयोग होने वाले रॉ-मैटेरियल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यहां पर्याप्त मात्रा में यूरेनियम की भी उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में कई बड़े-बड़े उद्योग संस्थान स्थापित हुए है। उद्योग के विस्तार में भी इस राज्य का देश में अलग पहचान रहा है। कई छोटे-बड़े उद्योग यहां पले-बढ़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार गलत नीति निर्धारण के कारण कुछ चीजें समाप्त होती नजर आती है।
हम सभी लोग ये जानते हैं कि एचईसी जैसी उद्योग संस्थान रांची में स्थापित है। इस संस्थान के सहयोग से देश के भीतर कई अन्य औद्योगिक संस्थाएं आगे बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि एचईसी सैटेलाइट तथा परमाणु कॉम्पोनेंट्स बनाने में भी अहम भूमिका निभाता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एचईसी की स्थिति आज बहुत अच्छी नहीं है, यह जानकर काफी तकलीफ होती है। आखिर किस वजह से इतना बड़ा उद्योग संस्थान आज उम्मीद के अनुरूप खरा नहीं उतर पा रहा है।
राज्य सरकार का मिलेगा पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत है कि केंद्र एवं राज्य सरकार समन्वय स्थापित कर आपसी सहयोग से उद्योग संस्थाओं को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करे ताकि उद्योग के क्षेत्र में राज्य तथा देश आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि मिलजुलकर प्रयास करने से डिफेंस से जुड़े इंडस्ट्री सेक्टर में नए आयाम जोड़े जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि भारतीय सशस्त्र सेना के रक्षा प्रमुख आज हमारे बीच यहां उपस्थित हैं। एमएसएमई के क्षेत्र में भी इनके द्वारा किया जा रहा प्रयास एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से डिफेंस सेक्टर को पूरा सहयोग प्रदान किया जाएगा।
CDS जनरल अनिल चौहान ने रखे अपने विचार
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने बदलती वैश्विक चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि भविष्य में अंतरिक्ष और साइबर युद्ध से जुड़े उपकरणों के विकास के लिए नीतिगत पहल आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हथियारों का रणनीतिक चयन, अनुसंधान एवं विकास की समीक्षा और रक्षा विनिर्माण आधार का विस्तार समय की मांग है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और आधुनिक तकनीकों को अपनाना भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करेगा।
तीन दिवसीय डिफेंस एक्सपो का महत्व
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल झारखंड बल्कि पूरे पूर्वी भारत को रक्षा क्षेत्र में नवाचार और उद्योग के नए अवसर प्रदान करेगा। रांची में पहली बार आयोजित यह एक्सपो 19 से 21 सितंबर तक चलेगा। इसमें देश की तीनों सेनाओं की ताकत और अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन किया जा रहा है। यह आयोजन ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
डिफेंस एक्सपो का किया अवलोकन
इस अवसर पर माननीय राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सहित अन्य गणमान्य अतिथियों एवं रक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने डिफेंस एक्सपो का अवलोकन किया। इस डिफेंस एक्सपो में देशभर से रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, औद्योगिक संस्थाएं, तकनीकी संस्थान तथा लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़े लोग शामिल हुए। मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, भारतीय सशस्त्र सेना के रक्षा प्रमुख (सीडीएस) अनिल चौहान,मुख्य सचिव झारखंड अलका तिवारी, पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी, पूर्वी कमान एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ सूरत सिंह, रक्षा मंत्रालय के अन्य वरीय अधिकारी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।