देवघर : झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष लेने का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, यह घटना मधुपुर विधानसभा के बूथ नंबर 111 पर हुई, जहां पीठासीन अधिकारी पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उम्मीदवार और मंत्री हफीजुल हसन का पक्ष लेने का आरोप था। इसके बाद उन्होंने निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई, जिसे आयोग ने गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारी को तत्काल हटा दिया।
प्रशासन का बयान और निर्वाचन आयोग का निर्णय
देवघर प्रशासन ने इस मामले पर अपना स्पष्टीकरण दिया है और बताया कि पीठासीन अधिकारी को मतदान स्थल के बहुत पास पाया गया, जो निर्वाचन आयोग के नियमों का उल्लंघन था। प्रशासन ने कहा कि वेबकास्टिंग कक्ष में निगरानी के दौरान अधिकारी को नियमों के खिलाफ पाया गया, जिससे उनके कर्तव्यों में लापरवाही का संकेत मिला। इसके चलते अधिकारियों ने पीठासीन अधिकारी को बदलने का निर्णय लिया और मामले की गहन जांच शुरू कर दी।
प्रशासन ने यह भी कहा कि अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया, बल्कि उन्हें बदल दिया गया है और आगामी कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी। पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा ने भी इस बात की पुष्टि की कि अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि केवल उनकी नियुक्ति में बदलाव किया गया है।
झामुमो ने जताया विरोध
वहीं, झामुमो ने इस मामले में निराधार शिकायत का आरोप लगाया है। मनोज पांडेय, झामुमो के प्रवक्ता ने कहा कि अधिकारी को झूठी शिकायत पर हटाया गया और जांच में आरोप बेबुनियाद साबित होंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने भा.ज.पा. के सांसद निशिकांत दुबे की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की, जबकि झामुमो की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
चुनावों में सुरक्षा और कड़ी निगरानी
झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में मतदान जारी है, जिसमें कुल 38 सीटों पर मतदान हो रहा है। सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है और मतदान के दौरान कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितताओं को रोका जा सके।