रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने साहिबगंज जलापूर्ति परियोजना की प्रगति पर सरकार को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया
झारखंड हाईकोर्ट ने साहिबगंज जिले में पेयजल आपूर्ति के मामले में राज्य सरकार को फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। अदालत ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि क्यों पेयजलापूर्ति योजना में देरी हो रही है और इसके समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इस मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई, जिसमें राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि पहले से कार्यरत ठेकेदारों की लापरवाही के कारण योजना में देरी हो रही थी। इन ठेकेदारों को हटा दिया गया है और अब इस कार्य को गति देने के लिए फ्रेश टेंडर जारी किया गया है। नए ठेकेदार को काम सौंपे जाने के बाद साहिबगंज में जलापूर्ति योजना की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
अगली सुनवाई फरवरी 2025 तक स्थगित
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2025 तक स्थगित कर दी है। इस मामले में शिकायतकर्ता सिद्धेश्वर मंडल की ओर से वरीय अधिवक्ता राजीव शर्मा और अधिवक्ता ओमप्रकाश ने पक्ष रखा। इससे पहले, अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह साहिबगंज जलापूर्ति योजना में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
अदालत ने यह भी कहा था कि पानी मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकता है, और इसे सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है। उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि यदि अधिकारियों की लापरवाही से जलापूर्ति योजना पूरी नहीं हो पाती है, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार को जल्द से जल्द साहिबगंज, पाकुड़ और मेदनीनगर जैसे क्षेत्रों में जलापूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।
जलापूर्ति योजना में तेजी आएगी : एडवोकेट जेनरल
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को जानकारी दी कि साहिबगंज जलापूर्ति योजना के लिए रेलवे से एनओसी मिल चुका है। इसके बाद अब तीन महीने में इस योजना में महत्वपूर्ण प्रगति देखी जाएगी। कई स्थानों पर पाइपलाइन का काम बढ़ा दिया गया है और बाकी कार्य भी जल्द पूरा किया जाएगा।