पूर्णिया/रांचीः पूर्णिया के राजीगंज पंचायत के टेटगामा आदिवासी टोला में डायन के संदेह पर एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाने की घटना हो जाने के बाद झारखंड सरकार के मंत्री रामदास सोरेन, राजमहल लोकसभा सांसद विजय हांसदा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने पूर्णिया पहुंचकर आदिवासी हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान नेताओं ने परिजनों से बातचीत की, उनकी पीड़ा को सुना और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
नेताओं ने बताया– सुनियोजित साजिश के तहत की गई आदिवासियों की हत्या
झामुमो नेताओं ने इस जघन्य हत्याकांड को सुनियोजित साजिश करार दिया। उन्होंने दावा किया कि यह घटना आदिवासी समाज को निशाना बनाकर की गई है और इसके पीछे गहरी साजिश छिपी है। नेताओं ने घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की ताकि दोषियों को सख्त सजा मिल सके और आदिवासी समाज को न्याय मिल सके।
बिहार पुलिस और सरकार की कार्यशैली पर उठाए गंभीर सवाल
झारखंड के नेताओं ने पूर्णिया पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस घटना में पुलिस की निष्क्रियता और लापरवाही सामने आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह विफल है और भाजपा गठबंधन की सरकार राज्य को सुशासन देने में पूरी तरह असफल साबित हो रही है।
पीड़ित परिवार को दी राहत सामग्री, जताई संवेदना
झामुमो प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार को चावल, साड़ी, धोती और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान कीं। साथ ही आश्वासन दिया कि वे इस मुश्किल समय में पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं और हर संभव सहायता उपलब्ध कराएंगे।
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