रांची : झारखंड सरकार ने राज्यभर में खनन पट्टों के निबंधन की समीक्षा करने का फैसला लिया है। राज्य के राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार विभाग के सचिव चंद्रशेखर ने सभी उपायुक्तों को एक पत्र भेजकर खनन पट्टों पर लगने वाले मुद्रांक शुल्क और निबंधन शुल्क के सही तरीके से वसूली की जांच करने का निर्देश दिया है। यदि इस प्रक्रिया में कोई कमी पाई जाती है, तो संबंधित खनन पट्टा मालिकों से वसूली की जाएगी।
मुख्य सचिव की बैठक में वसूली पर जोर
सचिव चंद्रशेखर ने बताया कि इस विषय पर मुख्य सचिव स्तर पर पहले ही एक बैठक हो चुकी थी, जिसमें खनन पट्टों के मुद्रांक शुल्क और निबंधन शुल्क की वसूली को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, निबंधन आइजी ने भी सभी उपायुक्तों और जिला निबंधकों को पत्र भेजा है।
महालेखाकार और महाधिवक्ता की राय पर कार्रवाई
महालेखाकार ने इस मामले पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद पलामू उपायुक्त की राय को मानते हुए, सरकार ने महाधिवक्ता से परामर्श लिया। महाधिवक्ता ने भारतीय मुद्रांक अधिनियम की धारा 47-ए के तहत खनन पट्टों के निबंधन पर शुल्क की वसूली का रास्ता साफ किया। इसके बाद विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को अवगत कराते हुए वसूली की प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
विगत वर्षों में कम वसूला गया शुल्क भी वसूला जाएगा
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि विगत वर्षों में निबंधित दस्तावेजों पर मुद्रांक शुल्क कम वसूला गया है, तो भारतीय मुद्रांक अधिनियम की धारा 47-ए के तहत उसे वसूला जाएगा। सरकार ने इस पूरे प्रकरण पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है, जिसमें खनन पट्टों की संख्या, वसूला गया शुल्क और बाकी बची हुई राशि का ब्यौरा मांगा गया है।
वसूली की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी
सरकार के निर्देश के बाद अब खनन पट्टों पर वसूली की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। इसके बाद इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को पेश की जाएगी।