RANCHI : स्वास्थ्य विभाग राज्य में बेहतर सुविधा देने का दावा करता है। लेकिन, प्राइवेट हॉस्पिटलों पर लगाम लगाने में विभाग पूरी तरह फेल है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरायकेला-खरसावां जिले में प्राइवेट हॉस्पिटल खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इतना ही नहीं, नियमों के उल्लंघन के बावजूद विभाग उनपर कार्रवाई करने की बजाय केवल नोटिस थमा रहा है। इसके अलावा कई प्राइवेट हॉस्पिटलों का तो पिछले कई सालों से इंस्पेक्शन भी नहीं किया गया है। इसका खुलासा आरटीआई से मांगी गई जानकारी में हुआ है। बता दें कि सोशल एक्टिविस्ट ज्योति शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग से सभी जिलों के हॉस्पिटलों में क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के पालन को लेकर जानकारी मांगी थी, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है।
आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में विभाग की ओर से बताया गया है कि लगभग 50 हॉस्पिटलों में एक्ट का पालन कराया जा रहा है। दूसरी ओर इसी रिपोर्ट में लिखा गया है कि शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। मेडिकल रिकॉर्ड भी अधूरे हैं। ऐसे में साफ है कि विभाग नियमों का पालन कराने के नाम पर केवल आईवॉश करने में लगा है।
64 पर की गई है कार्रवाई
विभाग की ओर से बताया गया है कि पिछले दो वर्षों में सरायकेला खरसावां जिले में बिना पंजीयन संचालित 20 निजी क्लिनिक और अस्पतालों को बंद कराया गया है। इसके अलावा, नियमों के पालन में लापरवाही बरतने पर 44 स्वास्थ्य संस्थानों का क्लनिकल एस्टैबलिशमेंट एक्ट के तहत पंजीयन रद्द करने की बात कही गई है। हालांकि कई क्लिनिकों और निजी अस्पतालों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। निरीक्षण में पाई गई मुख्य खामियों में अधूरे मेडिकल रिकॉर्ड, डॉक्टरों की अनुपलब्धता और आवश्यक बुनियादी ढांचे का अभाव शामिल है।
कई संस्थानों ने खुद बंद किया संचालन
रिपोर्ट में उल्लेख है कि अधिकतर संस्थानों ने निरीक्षण और नोटिस के बाद खुद ही संचालन बंद कर दिया। कुछ संस्थानों पर विभाग द्वारा जुर्माना लगाया गया है। वहीं संचालकों से कहा गया है कि क्लिनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट के अंतर्गत सभी क्लिनिक, अस्पतालों और नर्सिंग होम का पंजीयन अनिवार्य है। बिना पंजीयन या मानकों का पालन किए किसी भी संस्थान का संचालन गैरकानूनी है और ऐसे मामलों में कार्रवाई जारी रहेगी। लेकिन, नियमों का पालन नहीं करने के बावजूद संस्थानों में मरीजों का इलाज जारी है।
इन पर लगाई गई पेनाल्टी
- आरोग्यम, 5 एमपी टावर, आदित्यपुर-4600 रुपये
- जीवन दीप हेल्थ केयर, घोड़ालांग, चांडिल-6150 रुपये
- वेल केयर नर्सिंग होम, गम्हरिया-15850 रुपये
- जीवन दीप नर्सिंग होम, बड़ा कुनाबेरा, राजनगर-7450 रुपये
इनका मिला अधूरा मेडिकल रिकॉर्ड
संजीवनी नर्सिंग होम, आदित्यपुर
कोठारी पैथोलॉजी, आदित्यपुर
कुंडू हेल्थ केयर, कोलाबिरा
स्वास्तिक हेल्थ होम, गम्हरिया
महतो पॉली क्लनिक, चिलगू, चांडिल
एफपीएआई सिंहभूम ब्रांच, गम्हरिया
प्रियंका नर्सिंग होम, खरसावां
ओम मेडिकल, आमदा, खरसावां
साइनी क्लिनिक, आदित्यपुर
पप्पू होमियो क्लिनिक, गम्हरिया
मंडल क्लिनिक, सिजुलता, राजनगर
जया आयुर्वेद हॉस्पिटल, रापचा, गम्हरिया
नूतन सेवा सदन क्लिनिक, खरसावां
दुर्गामणी आरोग्यम एंड क्लिनिक, खरसावां
सागरिका पैथोलॉजी, मेन रोड, चांडिल
इनके पास डॉक्टर-पारा मेडिकल स्टाफ की कमी
साक्षी नर्सिंग होम, तामोलिया, चांडिल
कोलाबिरा हेल्थ केयर, कोलाबिरा
मौर्या जांच घर, आदित्यपुर
अल हयात शिफा नर्सिंग होम, कपाली, चांडिल
माधुरी नर्सिंग होम, मिलन चौक, सितू, ईचागढ़।
इनके पास नहीं मिली कोई गड़बड़ी
मंगला क्लिनिक, सुकसरी, चांडिल
न्यू लाइफ नर्सिंग होम, आदित्यपुर
मेडिनोवा नर्सिंग होम, आदित्यपुर
आरोग्यम केयर हॉस्पिटल, आदित्यपुर
गंगोत्री हेल्थ केयर, आदित्यपुर
लक्ष्मी क्लिनिक, कृष्णापुर, खरसावां
मगध सम्राट हॉस्पिटल, आदित्यपुर
संजीवनी नर्सिंग होम, आदित्यपुर।
इनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी
शिवा नर्सिंग होम, आदित्यपुर
प्रिया हेल्थ केयर, हेंसल, राजनगर
सहाय नर्सिंग होम, आदित्यपुर
साईं नर्सिंग होम, आदित्यपुर
मधुसूदन मेमोरियल पॉली क्लिनिक, सरायकेला
मंडल क्लिनिक, छोटा सिजुलता
एमजीआई फाउंडेशन, गम्हरिया।