रांची : सिविल कोर्ट रांची के एसीबी (ACB) विशेष न्यायाधीश की अदालत ने 12 साल पुराने रिश्वत के मामले में डोरंडा कोषागार के तत्कालीन अधिकारी पवन कुमार केडिया को दोषी करार देते हुए पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने इसके साथ ही उन्हें 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यदि जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो आरोपी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
रिश्वत लेने का मामला, 30 हजार रुपये की मांग
यह मामला 2013 में सामने आया था, जब पवन कुमार केडिया ने विभाग में कार्यरत लिपिक प्रशांत कुमार दास से बिला पास करने का काम आवंटित करने के बदले 30,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद, शिकायत दर्ज की गई थी और निगरानी ब्यूरो की टीम ने पवन कुमार केडिया को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने नौ गवाहों को पेश किया।
एसीबी ने की कार्रवाई
यह मामला 27 मई 2013 को निगरानी ब्यूरो में दर्ज हुआ था, और इसके बाद जांच शुरू की गई थी। गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया गया था। अदालत ने 24 मार्च को आरोपी पवन कुमार केडिया को दोषी करार किया और शनिवार को उसे सजा सुनाई।


