रांची: झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया की अनिश्चितता को लेकर एक बार फिर राजनीतिक पारा चढ़ गया है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने हेमंत सोरेन सरकार पर युवाओं की उपेक्षा और संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य से गंभीर खिलवाड़ कर रही है।
Babulal Marandi : चुनाव से पहले हुई दौड़, अब तक भर्ती प्रक्रिया अधूरी
मरांडी ने याद दिलाया कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने उत्पाद सिपाही पदों के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा (दौड़) आयोजित की थी। इस दौड़ में बड़ी संख्या में युवक शामिल हुए थे, लेकिन प्रशासन की तैयारियों में भारी खामियां नजर आईं।
सरकार गठन के 6 महीने बाद भी कार्रवाई नहीं
मरांडी ने आरोप लगाया कि कुप्रबंधन और अड़ियल रवैये के कारण कई अभ्यर्थियों की मौत तक हो गई, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने समय रहते परीक्षा को रोका नहीं। “युवाओं को भरोसा था कि जल्दी ही लिखित परीक्षा कराई जाएगी, लेकिन सरकार गठन के 6 महीने बीतने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
Babulal Marandi : युवाओं के साथ हो रहा विश्वासघात: मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड के युवाओं को बार-बार छलावा दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर व्यक्तिगत हमला करते हुए कहा कि वह एक धनाढ्य परिवार से आते हैं, इसलिए उन्हें साधारण युवाओं की परेशानियां समझ नहीं आतीं। हेमंत सोरेन की शासन व्यवस्था में युवाओं के लिए कोई संवेदनशीलता नहीं है। वह हर बार नौकरी मांगने वाले युवाओं को केवल परीक्षा कैलेंडर का झुनझुना पकड़ा देते हैं। न पारदर्शिता है, न समयबद्ध प्रक्रिया। यह एक गंभीर प्रशासनिक असफलता है।
झारखंड में युवाओं का भविष्य अंधकारमय
मरांडी ने सरकार पर हमला तेज करते हुए कहा कि झारखंड में न तो कोई ठोस नियोजन नीति है, न पारदर्शी भर्ती व्यवस्था, और न ही समय पर परिणाम आते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को अगर कुछ मिलता है, तो वह है सिर्फ फर्जी आश्वासन और सियासी दिखावा।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी तो उसे अंजाम तक क्यों नहीं पहुंचाया गया? युवाओं को आज भी यह नहीं मालूम कि आगे क्या होने वाला है।
सरकार की चुप्पी ने बढ़ाई युवाओं की बेचैनी
मरांडी का यह बयान ऐसे समय आया है जब हजारों अभ्यर्थी उत्पाद सिपाही भर्ती की अगली प्रक्रिया – लिखित परीक्षा या चयन सूची – को लेकर असमंजस में हैं। राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान या अधिसूचना जारी नहीं हुई है, जिससे युवा वर्ग में निराशा और आक्रोश लगातार बढ़ रहा है।
बाबूलाल ने आंदोलन की दी चेतावनी
बाबूलाल मरांडी ने चेतावनी दी कि यदि जल्द भर्ती प्रक्रिया को पुनः शुरू नहीं किया गया, तो राज्यभर में युवा आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया को लेकर असमंजस लगातार गहराता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की नाराज़गी इस बात की ओर इशारा करती है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में बड़ा राजनीतिक मोड़ ले सकता है।