चुनावी चर्चा
वीरेंद्र ओझा
जमशेदपुर : Jharkhand Vidhan Sabha Chunav : झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की रणनीति पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि भगवा ब्रिगेड चुनाव से पहले प्रदेश में बड़ा राजनीतिक उलटफेर करने की तैयारी में है। दावा किया जा रहा है कि सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े से एक कद्दावर नेता को अपने पाले में लाने में जुटी है। भाजपा के रणनीतिकार इस बात की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि ऐन चुनाव से पहले वह ‘बड़ा खेला’ कर दें।
इस बार निशाना आदिवासी चेहरे पर लगाया जा रहा है। दरअसल, पिछले कुछ समय से इस बात की अटकलें तेज हैं कि हेमंत सोरेन के फिर मुख्यमंत्री बनने से झामुमो के शीर्ष नेताओं में कुछ नाराजगी है। लिहाजा मुख्य विपक्षी दल भाजपा सत्तापक्ष में संभावित टूट के किसी अवसर को हाथ से निकलने देना नहीं चाहती।
Jharkhand Vidhan Sabha Chunav : कोल्हान से राज्य भर में ‘बड़ा संदेश’ भेजने की तैयारी
राजनीतिक विश्लेषक इस बात की भविष्यवाणी कर रहे हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा कोल्हान प्रमंडल से पूरे राज्य भर में बड़ा संदेश भेजने की तैयारी में है। पिछले चुनाव में कोल्हान प्रमंडल से ही भाजपा को बड़ा राजनीतिक नुकसान हुआ था। पार्टी के दो शीर्ष नेताओं के एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर जाने से परिणाम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। कोल्हान प्रमंडल में विधानसभा की कुल 14 सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में इसमें से एक भी सीट पर भाजपा को जीत नहीं मिली थी।
Jharkhand Vidhan Sabha Chunav : रांची के होटल में मीटिंग की चर्चा, एक तीर से कई निशाने
इस पूरी कवायद के बीच रांची के एक होटल में मीटिंग की चर्चा शुक्रवार को सुबह से ही सबकी जुबान पर है। हालांकि किसी दल की तरफ से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है, लेकिन कयास लगाये जा रहे हैं कि इस मीटिंग में बनी रणनीति अगर जमीन पर यथावत उतरी तो राज्य की राजनीति में नए समीकरण बन जाएंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में कोल्हान को केंद्र में रखकर एक तीर से कई लक्ष्य भेदने की तैयारी है।
Jharkhand Vidhan Sabha Chunav : कोल्हान भाजपा के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों
चुनाव से पहले इस बार भाजपा ठोस रणनीति बनाकर चल रही है। प्रदेश के पांच प्रमंडल में अधिकांश सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ राज्य स्तरीय मुद्दे की तलाश में है। संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का लाभ पार्टी को कोल्हान में होता हुआ नहीं दिख रहा।
लिहाजा कोल्हान के लिए अलग से समीकरण बनाये जा रहे हैं। अगर पार्टी झामुमो के ‘कद्दावर नेता’ को अपने पाले में लाने में सफल हो जाती है तो इसका लाभ उसे पूरे प्रदेश में मिल सकता है। एक तरफ जहां आदिवासी समाज के बीच पार्टी अपनी पकड़ और मजबूत कर लेगी वहीं संताल समाज के बीच नये समीकरण बन जायेंगे। कोल्हान झामुमो का मजबूत किला है। माना जा रहा है कि भाजपा इसकी नींव पर वार करना चाहती है।
Jharkhand Vidhan Sabha Chunav : झामुमो के कद्दावर नेता के करीबी के दिल्ली में होने की सूचना
विश्वस्त सूत्रों की ओर से दावा किया जा रहा है कि झामुमो के कोल्हान से जुड़े संबंधित ‘कद्दावर नेता’ के करीबी फिल्हाल दिल्ली रवाना हो गये हैं। संबंधित नेता के करीबी के साथ प्रमंडल के दो और जनप्रतिनिधियों के करीबियों के भी मौजूदगी की सूचना है। इसके अलावा झामुमो से कुछ समय पहले से नाराज चल रहे एक विधायक के कुछ नजदीकी लोगों के इन नेताओं के प्रतिनिधियों के साथ होने की चर्चा है।
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