जमशेदपुर : झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा निबंधन विभाग के मंत्री रामदास सोरेन ने सोमवार को घाटशिला स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरडीह का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों से बात की। विद्यालय के शिक्षकों की समस्याओं से अवगत हुए। ग्रामीण शिक्षकों की मांग को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही राज्य में शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा।
लंबे समय से ग्रामीण इलाकों में पदस्थापित शिक्षकों को शहरों में भेजा जाएगा। वहीं शहरी इलाके में सेवा दे रहे शिक्षकों को ग्रामीण इलाकों में भेजा जाएगा। उन्होंने विद्यालय में शिक्षकों की कमी को देखते हुए दो शिक्षकों को तत्काल प्रतिनियोजन करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया। इसके अलावा विद्यालय में भवन सहित दूसरे मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया। शिक्षा मंत्री का स्वागत स्कूल की प्रभारी प्राचार्य कविता कुमारी ने किया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहींहै। जरूरत इस बात की है कि विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
इधर पूर्वी सिंहभूम में शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर यह है तैयारी
पूर्वी सिंहभूम जिले के प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों की ग्रेड-4 में प्रोन्नति के बाद स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 22 से 24 दिसंबर के बीच स्थानांतरण के लिए काउंसिलिंग होगी। इसके लिए विभाग ने स्कूलवार रिक्तियों की सूची तैयार कर ली है। काउंसिलिंग के लिए शिक्षकों का नाम विभाग डिस्प्ले करेगा, जहां शिक्षक खुद स्थानांतरण के लिए विद्यालय का चयन करेंगे। स्थानांतरण में महिला को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद विकलांग शिक्षकों को विद्यालय चयन का मौका मिलेगा, फिर उम्र में सीनियर शिक्षक को मौका दिया जाएगा।
मालूम हो कि इस प्रोन्नति के तहत कुल 300 शिक्षकों को ग्रेड-4 में प्रोन्नति दी गई है। इन्हीं का स्थानांतरण दूसरे विद्यालय में किया जाएगा। पूर्वी सिंहभूम जिले की बात करें तो करीब 8 साल बाद जिले में शिक्षकों को प्रोन्नति मिलने के साथ ही स्थानांतरण होने जा रहा है। शिक्षक लगातार इसकी मांग कर रहे थे। विभाग की ओर से एक साल पहले प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन, पहले लोकसभा, फिर बाद में विधानसभा चुनाव की वजह से प्रोन्नति की प्रक्रिया टलती रही। लेकिन अब प्रोन्नति मिल गई है।
प्रोन्नति से खुशी, लेकिन स्थानांतरण का डर
शिक्षकों को मांग के अनुसार प्रोन्नति मिलने से खुशी है, क्योंकि इससे उनके वेतन में 4 से 5 हजार की बढ़ोतरी होगी। वहीं कई शिक्षकों को यह डर सता रहा है कि प्रोन्नति के बाद जो स्थानांतरण की प्रक्रिया अपनायी जा रही है, उससे उन्हें शहर से गांव के स्कूल में न भेज दिया जाए। ऐसे शिक्षक जो उम्र में जूनियर हैं, उन्हें इसका सबसे अधिक खतरा है। ऐसा हुआ तो संबंधित शिक्षकों को प्रोन्नति मिलने के बाद भी वेतन में कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि शहरी क्षेत्र में रहने वाले शिक्षकों को 16 प्रतिशत एचआरए मिलता है, जबकि ग्रामिण क्षेत्र के लिए 8 प्रतिशत ही है। ऐसे में जो शिक्षक शहर से गांव जाएंगे उनका एचआरए 16 से घटकर 8 प्रतिशत हो जाएगा। वहीं, जो शिक्षक गांव से शहर आएंगे, उन्हें दोहरा लाभ मिलेगा। उन्हें प्रोन्नति के अनुसार, एक इन्क्रीमेंट का लाभ मिलने के साथ ही एचआरए भी दोगुना हो जाएगा।
100 से अधिक शिक्षक जाएंगे गांव
शिक्षा विभाग से जो जानकारी मिली है उसके तहत जो रिक्तियां तैयार हुई हैं, उसमें 160 शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में, जबकि 140 के करीब ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में रिक्तियां हैं। ऐसे में शहर के 100 से अधिक शिक्षकों को प्रोन्नति के बाद गांव जाना होगा।

