Koderma (Jharkhand) : झारखंड के कोडरमा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां अंधविश्वास और आरोपों के बीच चार वर्षीय मासूम बच्चे का शव कब्र से बाहर निकालना पड़ा। मामला कोडरमा थाना क्षेत्र के चांदेडीह गांव का है, जहां प्रतीक नामक बच्चे की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत ने अब एक नया और गंभीर मोड़ ले लिया है। परिजनों ने बच्चे की मौत को सामान्य न मानते हुए इसे डायन बिसाही के तहत की गई निर्मम हत्या करार दिया है। वहीं गांव के ही एक निवासी इंद्रदेव साव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गहन जांच शुरू कर दी है और सभी की निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे मौत के असली कारणों का खुलासा होने की उम्मीद है।
क्या है पूरा मामला?
घटनाक्रम के अनुसार, 4 वर्षीय प्रतीक 18 मई को अचानक अपने घर से लापता हो गया था। काफी खोजबीन के बाद, उसी दिन बच्चे का शव घर के निर्माण के लिए खोदे गए एक गड्ढे में मिला। शुरुआती तौर पर, इसे एक दुखद दुर्घटना मानते हुए परिजनों ने स्थानीय रीति-रिवाजों के अनुसार बच्चे के शव को दफना दिया। लेकिन, कुछ ही दिनों के भीतर मामले ने एक अप्रत्याशित मोड़ ले लिया। दबी जुबान में शुरू हुई चर्चाएं और कुछ कथित परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर परिजनों का शक गहराने लगा कि प्रतीक की मौत महज एक हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या है। इसके बाद उन्होंने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई।
एसपी के हस्तक्षेप के बाद कब्र से निकाला गया शव
मामला जब स्थानीय पुलिस के संज्ञान में आया और इसकी जानकारी कोडरमा के पुलिस अधीक्षक (SP) अनुदीप सिंह तक पहुंची, तो उन्होंने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया। एसपी ने तत्काल कोडरमा थाना प्रभारी को मामले की गहन जांच करने और सच्चाई का पता लगाने के निर्देश दिए। इसी क्रम में, रविवार को अंचलाधिकारी (CO) हलधर सेट्ठी को मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया। उनकी और थाना प्रभारी अरविंद कुमार की देखरेख में, चांदेडीह गांव स्थित कब्र से मासूम प्रतीक के शव को बाहर निकाला गया। यह प्रक्रिया अत्यंत संवेदनशील और भारी मन से पूरी की गई।
मजिस्ट्रेट हलधर सेट्ठी ने मौके पर मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, “बच्चे के शव को कब्र से बाहर निकाल लिया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चे की मौत सामान्य परिस्थितियों में हुई थी या यह हत्या का मामला है।”
शव को पोस्टमार्टम के लिए कोडरमा सदर अस्पताल भेज दिया गया है। शव निकाले जाने के दौरान घटनास्थल पर स्थानीय ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई थी, और सभी के चेहरों पर तनाव और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार साफ झलक रहा था।
डायन-बिसाही हत्या का आरोप, पुलिस कर रही जांच
मृतक बच्चे प्रतीक के परिजनों ने गांव के ही निवासी इंद्रदेव साव पर डायन बिसाही के तहत अपने बच्चे की हत्या करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बच्चे की मौत स्वाभाविक नहीं है और इसके पीछे तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास जैसी क्रूर गतिविधियां शामिल हो सकती हैं। परिजनों ने पुलिस को दिए अपने आवेदन में इंद्रदेव साव के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज कराई है।
कोडरमा पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों (मृतक के परिजन और आरोपी पक्ष) से प्राप्त आवेदनों के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच प्रक्रिया तेज कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे मामले के हर पहलू की बारीकी से जांच कर रहे हैं, जिसमें अंधविश्वास के एंगल के साथ-साथ अन्य संभावित कारणों को भी खंगाला जा रहा है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट खोलेगी मौत का राज
अब इस पूरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी पोस्टमार्टम रिपोर्ट है। ग्रामीणों और शोकाकुल परिजनों को बेसब्री से पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, क्योंकि इसी रिपोर्ट से यह साफ हो पाएगा कि मासूम प्रतीक की मौत पानी भरे गड्ढे में डूबने से हुई एक दुर्घटना थी, या फिर उसके साथ कोई अनहोनी की गई थी जिसके बाद शव को गड्ढे में फेंका गया। फिलहाल, कोडरमा पुलिस सभी संभावित कोणों से जांच में जुटी हुई है और जल्द ही सच्चाई सामने लाने का दावा कर रही है।