Home » Life Imprisonment: प्रेम प्रसंग में अपहरण व हत्या के जुर्म में छह पुरुष और एक महिला को आजीवन कारावास

Life Imprisonment: प्रेम प्रसंग में अपहरण व हत्या के जुर्म में छह पुरुष और एक महिला को आजीवन कारावास

by The Photon News Desk
Life Imprisonment
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

जामताड़ा /Life Imprisonment: प्रेम प्रसंग में मारपीट कर हत्या करने के एक मामले में अंतिम सुनवाई के बाद शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय देवेश कुमार त्रिपाठी ने छह पुरुष और एक महिला को आजीवन कारावास(Life Imprisonment) की सजा मुकर्रर की है।

इस संदर्भ में प्रभारी सहायक लोक अभियोजक धनंजय देव पांडे ने बताया कि बिंदापाथर थाना क्षेत्र के मुडाम गांव के कोल टोला के प्रेमिका पूनम कोल के पति सुभाष कोल ने बयान में बताया है कि मुडाम गांव के दामोदर महतो के पुत्र अर्जुन महतो, उनकी पुत्र पुत्री को ट्यूशन पढ़ने का काम करता था। इसी बीच उसकी पत्नी पूनम कोल और अर्जुन महतो के बीच संबंध हो गया। प्रेमिका के पति ने कई बार अर्जुन महतो को समझने और घर आने से मना किया। बावजूद वह नहीं माना और आना-जाना करते रहा था।

Life Imprisonment: प्रेम प्रसंग में 7 को आजीवन कारावास

27 अप्रैल 2021 को गांव में शादी थी। पूनम कोल ने फोन करके रात आठ बजे अर्जुन महतो को घर में बुलाया था। पति सुभाष द्वारा विरोध करने पर वह चला गया। पुनः 15 मिनट के बाद घर आकर पत्नी पूनम के पास चला गया। पति द्वारा विरोध करने और हो हल्ला होने पर गांव के राजेश कोल, रोहित कोल, नंदलाल कोल, संजय कोल और जगदीश कोल उसके घर आए। बकझक होने के बाद लाठी डंडा से मारपीट की गई।

इससे अर्जुन महतो घायल हो गया था। उसके पैर में गमछा से बांधकर प्रजापेटीया तीन मोहन जंगल में ले गए और खेत में फेंक दिया। फेंकने बाद पत्थर से सिर पर वार किया था। इससे उसकी मौत हो गई।

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गावाह का बयान न्यायालय में दर्ज कराया गया। बयान सुनने के बाद अदालत ने मामले को सही पाया और आरोपित राजेश कोल, रोहित कोल, नंदलाल कोल, संजय कोल, जगदीश कोल, सुभाष कोल और प्रेमिका पूनम कोल को को भारतीय दंड विधान की धारा 302 में आजीवन कारावास(Life Imprisonment)और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया है।

इसके अतिरिक्त भारतीय दंड विधान की धारा 201 में 5 साल की कठोर कारावास और 2000 हजार अर्थ दंड की सजा मुकर्रर की है। अर्थ दंड नहीं देने पर तीन माह अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया है।

READ ALSO : 146 सांसदों का निलंबन देश की 60 प्रतिशत जनता का अपमान: राहुल गांधी

Related Articles