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ईरान के 9वें राष्ट्रपति बने पेजेशकियान, जानिए उनके बारे में

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क: Masoud Pezeshkin wins Iran Presidential Election: मसूद पेजेशकिया ईरान के 9वें राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने कट्टरपंथी नेता माने जाने वाले सईद जलीली को 30 लाख से ज्यादा वोटों से मात दी है। बता दें कि मसूद की पहचान एक उदारवादी नेता की रही है। वे अक्सर हिजाब के विरोध में बयान देते रहते हैं। इसके साथ ही मसूद पेजेशकियान तालिबान को भी पसंद नहीं करते हैं।

Masoud Pezeshkin: 2006 से तबरीज़ से रहे हैं सांसद

बता दें कि मसूद पेजेशकियान वर्ष 2006 से तबरीज़ सीट से सांसद हैं। ईरान में लोग पेजेशियान को एक सुधारवादी तौर पर देख रहे हैं। वहीं पेजेशकिया ईरान को पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी के काफी करीब माना जाता है। वे पूर्व सर्जन हैं और देश के स्वास्थ्य मंत्री का पद भी संभालते हैं। चाल डिबेट्स में मसूद कई बार हिजाब का खुलकर विरोध कर चुके हैं। इसके साथ ही वे तालिबान की नीतियों को भी पसंद नहीं करते हैं।

Masoud Pezeshkin: 30 लाख से अधिक वोटों से जीता चुनाव

ईरानी मीडिया के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव में मसूद पजशकियानों को 1.64 करोड़ वोट मिले, जबकि उनकी विरोधी जलीली को 1.36 करोड़ वोट हासिल हुए हैं। वहीं बता दें कि 5 जुलाई को करीब 16 घंटे तक चली वोटिंग में ईरान के करीब 50% लोगों ने यानी 3 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट डाला था। मतदान शाम 6 बजे समाप्त हो गया था, लेकिन बाद में इसे रात 12 बजे तक बढ़ा दिया गया था।

Masoud Pezeshkin: मॉरल पुलिसिंग को सपोर्ट नहीं करते

मसूद पेजेशकियान एक सर्जन रह चुके हैं। वो फिलहाल देश के स्वास्थ्य मंत्री हैं। वहीं चुनाव से पहले राजनीतिक भाषणों के दौरान उन्होंने कई बार हिजाब की खिलाफत की थी। उन्होंने कई बार कहा है कि वो किसी प्रकार के मॉरल पुलिसिंग के खिलाफ हैं। गौरतलब है कि इस चुनाव में हिजाब का मुद्दा छाया रहा।

Masoud Pezeshkin: हिजाब बना बड़ा चुनावी मुद्दा

साल 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान में हिजाब का कानून लागू हुआ था। वहीं इस कानून के बनने के बाद ईरान की महिलाएं अलग-अलग तरह से हिजाब का विरोध करती नजर आई हैं। वहीं हिजाब का विरोध कर रहीं 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद कई हिंसक प्रदर्शन हुए थे। हिजाब का विरोध कर रही अमीनी को पुलिस को गिरफ्तार कर लिया था। फिर पुलिस पर आरोप लगा कि उसे बेरहमी से पीटा गया, जिसकी वजह से वो कोमा में चली गई और फिर उसकी मौत हो गई। इसके बाद पूरे देश में हिजाब का विरोध बहुत बड़ गया था।

Masoud Pezeshkin wins Iran Presidential Election: इस बार चुनाव में उठाए गए कई नए मुद्दे

वहीं इस चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ जब भ्रष्टाचार, पश्चिमी देशों के प्रतिबंध, प्रेस की आजादी, पलायन रोकने जैसे नए मुद्दे उठाए गए हैं। वहीं सरकार के द्वारा उसके दमन के चलते कई वोटर्स के जेहन में यह सबसे बड़ा मुद्दा रहा है। देश के 9वें राष्ट्रपति बन गए।

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