रांची : झारखंड में अब तक मॉडल जेल मैनुअल नहीं बनाए जाने पर झारखंड हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में जेल सुधार और कैदियों की स्थिति को लेकर स्वत: संज्ञान से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन महीने बीतने के बावजूद राज्य सरकार ने इसका अनुपालन नहीं किया है। कोर्ट ने इस लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए गृह सचिव को 28 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे एक मॉडल जेल मैनुअल तैयार करें, ताकि देश भर की जेलों में एक समान प्रणाली लागू हो सके। इसके बावजूद झारखंड में अब तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं की गई है।
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मॉडल जेल मैनुअल तैयार करने की प्रक्रिया जारी है और इसके लिए कुछ और समय की आवश्यकता है। हालांकि कोर्ट ने इस दलील को लेकर असंतोष व्यक्त किया और जवाबदेही तय करने की दिशा में सख्त रुख अपनाया।