HAZARIBAGH(JHARKHAND): हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने सेवा, विकास और संस्कृति के समन्वय को सार्थक रूप देते हुए “सांसद तीर्थ दर्शन” महाअभियान की विधिवत शुरुआत की। इस अभियान की पहली आध्यात्मिक यात्रा रविवार को कटकमदाग प्रखंड के खपरियावां स्थित भगवान नृसिंह मंदिर से प्रारंभ हुई। इस भावनात्मक और भव्य अवसर पर सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे और श्रद्धालु बुजुर्गों की विदाई समारोह में शामिल हुए।
चारधाम तीर्थ यात्रा के लिए 180 श्रद्धालु रवाना
कार्यक्रम के तहत खपरियावां और नवादा पंचायत के तीन गांवों से चयनित कुल 180 बुजुर्ग श्रद्धालु वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज और विंध्याचल की धार्मिक यात्रा पर रवाना हुए। तीर्थयात्रियों को विदा करने से पूर्व भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह और सांसद मनीष जायसवाल ने स्वयं उनके चरण पखारकर आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर सांसद जायसवाल ने कहा “यह पहल मेरे लिए सिर्फ एक जनप्रतिनिधि की नहीं, बल्कि क्षेत्र के बेटे की जिम्मेदारी है जो अपने बुजुर्गों को जीवन के इस मोड़ पर तीर्थदर्शन का सौभाग्य दिलाना चाहता है।” उन्होंने इस कार्यक्रम की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताते हुए कहा कि जब तक ईश्वर शक्ति देगा, यह सेवा जारी रहेगी।
उमड़ा सैलाब, स्वागत में पुष्प वर्षा और भजन-गायन
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वस्तिन पाठ और भजन गायन से हुआ। एंजल हाई स्कूल की छात्रा दित्या कुमारी ने भक्ति गीत प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया। मंच पर आए अतिथियों का पारंपरिक तिलक, चंदन और पुष्पवर्षा के साथ स्वागत हुआ। नन्हीं बच्चियों और महिलाओं द्वारा परंपरागत विधियों से स्वागत ने आयोजन को भक्तिपूर्ण वातावरण में बदल दिया।
सांसद खुद तीर्थ यात्रियों संग पहुंचे चौपारण
तीर्थ यात्रियों के साथ स्वयं सांसद मनीष जायसवाल भी बस में सवार होकर चौपारण तक पहुंचे, जहां विभिन्न स्थानों पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। यात्रा प्रारंभ होने के साथ ही झमाझम बारिश ने मानो इस आध्यात्मिक प्रयास पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी।
तीर्थयात्रा की विशेषताएं
- 5 दिवसीय यात्रा में गंगा, सरयू स्नान, महाआरती और पूजा का अवसर।
- प्रत्येक बस में 60 तीर्थ यात्री, 5 सहयोगी कार्यकर्ता।
- यात्रा का सारा व्यय सांसद निधि से
तीर्थ यात्रियों को मिले
- कपड़े का थैला
- अल्पाहार
- पानी की बोतल
- डेंटल किट
- पहचान-पत्र
- राम मंदिर युक्त स्मृति चित्र
- बसों में मेडिकल किट, रास्ते में चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित।