RANCHI (JHARKHAND): इमाम-ए-हुसैन की कुर्बानी की याद में मुहर्रम का जुलूस रविवार को शांति और सद्भाव के साथ निकाला गया। अलग-अलग इलाके से भ्रमण करते हुए जुलूस अलबर्ट एक्का चौक होते हुए महावीर चौक के पास पहुंचा। जुलूस में देशभक्ति और भाईचारगी की झलक दिखी। ज्यादातर जुलूस तिरंगे के साथ निकले थे। मुहर्रम जुलूस का नेतृत्व सेंट्रल मुहर्रम कमिटी कर रही थी। कमिटी के संरक्षक मो सईद, अध्यक्ष जावेद गद्दी, महासचिव अकिलुर्र रहमान, उपाध्यक्ष आफताब आलम, मो तौहीद, अय्यूब रजा खान, सह सचिव आदिल रशीद, प्रवक्ता मो इस्लाम और सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के लोग कर रहे थे।
अखाड़ों ने दिखाए हैरतंगेज करतब
मुहर्रम के अखाड़ों में लाठी व तलवारों से हैरतअंगेज करतब भी दिखाए गए। करतब देख लोग हैरत में थे। धौताल अखाड़ा का नेतृत्व प्रमुख खलीफा जमशेद अली उर्फ पप्पू गद्दी ने किया। वहीं इमाम बख्श अखाड़ा का नेतृत्व खलीफा मो मौजूद कर रहे थे। वहीं शमश नौजवान कमिटी के अंतर्गत आने वाले अखाड़ा का नेतृत्व कमिटी के संरक्षक अय्यूब राजा खान, हाजी रब्बानी, शमश नौजवान कमिटी के लोग कर रहे थे। वहीं लीलू अली अखाड़ा के नेतृत्व खलीफा मो सज्जाद, महासचिव मो शकील ने किया। वहीं मुहर्रम नौजवान कमिटी मस्जिद मोहल्ला मोरहाबादी रांची अखाड़ा का नेतृत्व मो शोएब खान, खलीफा मो हसन और उनकी टीम कर रही थी।

महावीर मंडल ने किया स्वागत
श्री महावीर मंडल रांची सहित अन्य धार्मिक संगठनों ने अखाड़ों के खलीफा और पदाधिकारियों को पगड़ी, माला पहनाकर स्वागत किया। अलग-अलग क्षेत्रों से निकला जुलूस अपने निर्धारित मार्ग से कर्बला चौक स्थित कर्बला पहुंचा। वहां फातिहा पढ़ने के बाद जुलूस वापस लौट गया। मान्यता के अनुसार कर्बला की लड़ाई में शहादत पाने वाले इमामे हुसैन और उनके साथ जंग लड़ने वालों को पानी तक नसीब नहीं हुआ था। बड़े तो बड़े छोटे-छोटे बच्चों को भी अधर्मी यजीदियों ने पानी से मोहताज बनाकर प्यासे रखा। जुलूस में लोगों को पानी, शरबत, कोल्ड ड्रिंक, खजूर बांटे गए। इस दौरान लोग मन्नत मांगते हैं और मुहर्रम की जुलूस में शामिल लोगों को शरबत पिलाते है। इसके साथ ही दर्जनों संस्थाओं ने स्वागत शिविर लगाया।

सौहार्द के साथ किया गया आयोजन
अध्यक्ष जय सिंह ने कहा के 1929 से महावीर मंडल लगातार सांप्रदायिक सौहार्द के लिए आयोजन करती रही है। एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए महावीर मंडल तत्पर रहेगा। मंडल के महामंत्री ललित ओझा ने राजधानी सहित झारखंड वासियों को मुहर्रम सद्भावना एवं भाईचारगी से मनाने के लिए मुस्लिम समाज व प्रशासन को बधाई दी।

हिदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है मुहर्रम
सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकीलुर्र रहमान ने बताया कि मुहर्रम हिदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। मुहर्रम के दौरान रांची की एकता देखने लायक होती है। यहां महावीर मंडल सहित कई सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए।

मेला में उमड़ी भारी भीड़
कर्बला चौक रोड में दोनों ओर मुहर्रम का मेला लगा। काफी संख्या में दुकानें लगी थी। वहीं झूले भी लगाए गए है। कर्बला में नियाज फातिहा के लिए शीरनी, अगरबत्ती, मोमबत्ती की खूब बिक्री हुई। मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा कि रांची में शिया-सुन्नी का कोई भेदभाव नहीं है। सब एकजुटता के साथ हर पर्व में साथ रहते हैं। यहां की एकता और अखंडता से देश के लोगों को सबक लेना चाहिए।
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