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न्यूज एजेंसियों को मिली चेतावनी, कहा- फेक न्यूज का हल ढूंढिए

कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे भी हैं, जो ऑनलाइन पोस्ट की गई खबरों को वेरिफाई तक नहीं करते हैं। इससे झूठी और भ्रामक जानकारियां फैल जाती हैं।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली : कहते हैं कि अधूरा ज्ञान सबसे खतरनाक होता है और वर्तमान समय में फेक न्यूज एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इसी बात को हाइलाइट किया है, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने। उन्होंने समाचार संस्थानों को चेताया है कि जल्द से जल्द फेक न्यूज का समाधान ढूंढिए। उन्होंने मीडिया संस्थानों से फेक न्यूज की जवाबदेही और खबरों के मामले में निष्पक्षता बरतने का आह्वान किया है।

अधूरी जानकारी से भ्रामक खबरें फैल जाती है

फर्जी खबरों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री ने एल्गोरिदम बेस्ड खबरों, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और उचित मुआवजे को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे भी हैं, जो ऑनलाइन पोस्ट की गई खबरों को वेरिफाई तक नहीं करते हैं। इससे झूठी और भ्रामक जानकारियां फैल जाती हैं।

लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा

16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अश्विनी वैष्णव ने मीडिया के सामने आने वाली 4 चुनौतियों को भी गिनवाया। उन्होंने बड़े मीडिया संस्थानों और डिजिटल प्लेटफॉर्म से फेक न्यूज का समाधान ढूंढकर लोकतंत्र को बचाने की अपील की। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों का तेजी से फैलना, न केवल मीडिया के लिए बल्कि लोकतंत्र के लिए भी बड़ा खतरा है, क्योंकि इससे भरोसा कम होता है।

1990 के दशक के प्रावधान का दिया हवाला

वैष्णव ने सेफ हार्बर जैसे प्रावधान की भी चर्चा की, जो कि मेटा, एक्स और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जवाबदेही से बचाता है। इसके पक्ष में तर्क देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1990 के दशक में विकसित किया गया यह प्रावधान अब डिजिटल मीडिया की व्यापक पहुंच और प्रभाव को देखते हुए उपयुक्त नहीं हो सकता है।

सेफ हार्बर क्लॉज को बदलने से प्लेटफॉर्म सीधे होंगे जवाबदेह

उन्होंने कहा कि हमारे समाज की विविधता के साथ, हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। हमारे देश में कई संवेदनशील मुद्दे हैं, जहां ये प्लेटफॉर्म उत्पन्न होते हैं। इसलिए यदि प्लेटफॉर्म अलग है, तो क्या सभी के मापदंड अलग-अलग नहीं होने चाहिए। क्या प्लेटफॉर्म पर अधिक जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए। वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा-79 के तहत प्लेटफॉर्म को यूजर की ओर से पोस्ट किए गए कंटेंट के लिए कानूनी कार्रवाई से बचाता है। सेफ हार्बर क्ल़ॉज को हटाने या बदलने से प्लेटफॉर्म यूजर के कंटेंट के लिए सीधे तौर पर जवाबदेह होंगे। इससे उनकी कानूनी प्रतिरक्षा समाप्त होगी।

अगली चेतावनी में वैष्णव ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म को चलाने वाले एल्गोरिदम अक्सर ऐसे कंटेंट को प्राथमिकता देते हैं, जो सनसनीखेज या विभाजनकारी सूचनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया हो।

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