जमशेदपुर / नयी दिल्ली : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सलवाद (Naxalism) से जुड़े एक मामले में को नौ स्थानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा (Maoist) और उनके ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) से जुड़े संदिग्धों के परिसर पर की गई। एनआईए ने इस ऑपरेशन में कई महत्वपूर्ण वस्तुएं और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की हैं।
छापेमारी में मिलीं बड़ी सामग्री
एनआईए के एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड और कई अन्य वस्तुएं बरामद की गईं। इसके अलावा, 10,50,000 रुपये की नकदी, एक वॉकी-टॉकी, सैमसंग टैबलेट, पावर बैंक, रेडियो सेट, और एक लेवी वसूली रसीद भी बरामद हुई। इन सामग्रियों के बरामद होने से संगठन के खुफिया नेटवर्क और वित्तीय लेन-देन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है।
एनआईए के मुताबिक, भाकपा (माओवादी) के सदस्य मिसिर बेसरा के सामान भी मिले
एनआईए ने यह भी बताया कि तलाशी में भाकपा (माओवादी) के सदस्य मिसिर बेसरा का एक नेक बैंड, टाइटन चश्मा और अन्य वस्तुएं भी मिलीं। यह सामग्रियां हुसिपी और राजभासा गांवों के बीच स्थित वन क्षेत्रों में दबी हुई थीं, जिन्हें राजेश देवगम नामक एक आरोपी के खुलासे के बाद बरामद किया गया।
मामला मार्च 2024 से संबंधित
यह मामला मूल रूप से मार्च 2024 में झारखंड के चाईबासा जिले के टोंटो पुलिस थाने में पांच आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया गया था। इसके बाद, जुलाई 2024 में एनआईए ने मामले की जांच शुरू की थी, जो अब तक कई अहम कड़ी पकड़ने में सफल रही है। इस कार्रवाई को नक्सलवाद से लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।