Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड का प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) जमशेदपुर एक बार फिर वैश्विक स्तर पर चमका है। हाल ही में जारी विश्व के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में संस्थान के 7 प्रोफेसरों का चयन हुआ है। यह उपलब्धि एनआईटी जमशेदपुर की शोध क्षमता, अंतरराष्ट्रीय योगदान और शिक्षा जगत में उसकी बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाती है।
चयन की प्रक्रिया और मानदंड
यह सूची स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की जाती है और एल्सेवियर के सहयोग से स्कोपस डेटाबेस पर आधारित है। प्रो. जॉन पी.ए. आयोन्ना और उनकी टीम ने वैज्ञानिकों के चयन हेतु विशेष मापदंड तय किए, जिनमें साइटेशन प्रभाव, एच-इंडेक्स, सह-लेखन नेटवर्क और शोध उत्पादकता शामिल हैं। यह रैंकिंग 2019-2023 के डेटा पर आधारित है और इसमें वैज्ञानिकों के कैरियर-वाइज एवं सिंगल-ईयर प्रभाव को मापा गया है।
वर्ष 2025 संस्करण में भारत से कुल 6,239 वैज्ञानिक शामिल हुए हैं, जिनमें एनआईटी जमशेदपुर के 7 प्रोफेसरों ने अपनी जगह बनाई है।
चयनित प्रोफेसरों की सूची
- डॉ. बलराम अम्बादे : केमेस्ट्री विभाग
- डॉ. सुनील कुमार : गणित विभाग
- डॉ. साइकत रंजन मैती : मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- डॉ. सतीश कुमार : केमिकल इंजीनियरिंग
- डॉ. सुरजीत कुंडु : इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन
- डॉ. वीपी मीना : इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- प्रो. संजय कुमार : मैकेनिकल इंजीनियरिंग
संस्थान और शोध कार्य का प्रभाव
इन प्रोफेसरों का चयन उनके विशेष शोध योगदान, अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित लेख और पेटेंट्स के आधार पर हुआ है। उनके कार्य गणितीय मॉडलिंग, डेटा एनालिसिस, सामग्री विज्ञान, थर्मल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और केमिकल इंजीनियरिंग जैसे विषयों पर केंद्रित रहे हैं।
छात्र प्लेसमेंट में भी वृद्धि संभव
संस्थान की ओर से कहा गया कि यह उपलब्धि न केवल एनआईटी जमशेदपुर के गौरव को बढ़ाती है, बल्कि छात्रों को शोध के क्षेत्र में प्रेरित भी करती है। इसके साथ ही सरकारी फंडिंग, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और छात्र प्लेसमेंट में भी वृद्धि की संभावना है।
भविष्य की संभावनाएं
एनआईटी जमशेदपुर पहले से ही एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 100 संस्थानों में शामिल है। माना जा रहा है कि अब इस उपलब्धि से संस्थान को वैश्विक पहचान, उच्च स्तरीय रिसर्च प्रोजेक्ट्स और तकनीकी हब के रूप में और मजबूती मिलेगी। संस्थान का लक्ष्य आने वाले वर्षों में और अधिक प्रोफेसरों को इस सूची में स्थान दिलाना है।