रांची : झारखंड में भाजपा और झामुमो के बाद अब कांग्रेस पार्टी में भी टिकट बंटवारे को लेकर बगावत शुरू हो गई है। ताजा मामले में लातेहार जिले की मनिका विधानसभा सीट पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुनेश्वर उरांव नाराज होकर पार्टी से अलग हो गए हैं। उन्होंने टिकट न मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है।
मनिका से कांग्रेस के टिकट के लिए विधायक रामचंद्र सिंह के साथ मुनेश्वर उरांव भी दावेदार थे। मुनेश्वर को पूरा विश्वास था कि उनके जमीनी काम, कार्यकर्ताओं के बीच मजबूत पकड़ और पार्टी में सालों की सेवा को देखते हुए कांग्रेस इस बार उन्हें ही टिकट देगी। लेकिन पार्टी ने दोबारा रामचंद्र सिंह को उम्मीदवार बना दिया। यह खबर मिलते ही मुनेश्वर और उनके समर्थक खुलकर नाराजगी जताने लगे। नामांकन के बाद मुनेश्वर ने प्रेस से कहा कि पार्टी ने जमीनी कार्यकर्ताओं को लगातार नजरअंदाज किया है। उनका कहना था कि बार-बार की उपेक्षा से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है, और इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
दूसरी तरफ, कांग्रेस के बरही विधायक उमाशंकर अकेला भी टिकट कटने के बाद नाराज हो गए। कांग्रेस ने गुरुवार देर रात अपनी दूसरी सूची जारी करते हुए बरही सीट से उनका नाम हटाकर अरुण साहू को प्रत्याशी बना दिया। टिकट कटते ही उमाशंकर ने तुरंत फैसला लेते हुए कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। दिलचस्प बात यह रही कि कांग्रेस से टिकट कटने की जानकारी मिलने के महज कुछ घंटों के अंदर ही उन्होंने सपा की सदस्यता ली और सपा ने भी उन्हें बरही से प्रत्याशी घोषित कर दिया। उमाशंकर ने रातभर में 170 किलोमीटर का सफर तय कर डाल्टनगंज में सपा जॉइन की और अगले दिन सुबह चार बजे नामांकन पर्चा भर दिया।
कांग्रेस में टिकट बंटवारे के इस फैसले से कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच गहरी नाराजगी और असंतोष देखा जा रहा है। चुनावी माहौल में पार्टी में बढ़ रही इस बगावत की लहर से कांग्रेस नेतृत्व के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

