स्पेशल डेस्क, नई दिल्ली : ओडिशा की राजनीति के हाव-भाव बदलते दिखाई दे रहे हैं। सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बेहद करीबी पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन बीजू जनता दल (BJD) में शामिल हो गए। सदस्यता के साथ, पांडियन को पार्टी में बड़े जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि आने वाला चुनाव में वह पार्टी की उम्मीदवारों के चयन में अहम भूमिका निभाएंगे। इसे बीजद के नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि वी के पांडियन कौन हैं और वह किस तरह नौकरशाह से राजनेता बनने की तरफ अपने करियर में आगे बढ़े।
कौन हैं वीके पांडियन
जन्म और शिक्षा: 29 मई 1974 को तमिलनाडु में पैदा हुए वी के पांडियन ने कृषि में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की।फिर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से मास्टर डिग्री हासिल की। पांडियन वर्ष 2000 भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए। उन्होंने कई पदों पर नौकरी की। इस दौरान वह कालाहांडी और गंजाम के जिलाधिकारी रहे।
करियर के मील का पत्थर: पांडियन ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव और ओडिशा सरकार के मुख्यमंत्री परिवर्तन और पहल के सचिव के रूप में कार्य किया। उनके करियर में विवाद भी रहा, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का विश्वास प्राप्त कर लिया।
बीजद में शामिल होने के मायने मतलब:
पांडियन के बीजद में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें बधाई दी। कहा कि वह वो उनका स्वागत करते हैं। पांडियन के बीजदी में शामिल होने से पार्टी को उनके अनुभव और नेतृत्व कौशल का पूरा लाभ मिल पाएगा। पार्टी को उम्मीद है कि वह राजनीतिक के मैदान में अहम खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। पांडियन के बीजद में शामिल होने से पहले कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे। आशंका जतायी थी कि वह खुद को जननेता साबित नहीं कर पाएंगे। पांडियन ने अधिकारी के रूप में कई चुनौतियों का सामना पहले ही किया है , वह राजनीतिक दल में न होकर भी राजनीति का पूरा काम लंबे समय से खुद ही देख रहे थे। लिहाजा उनकी क्षमता को लेकर उठ रहे सवाल पर अधिकांश लोग राजनीतिक विश्लेषकों से सहमत नहीं हैं।
पार्टी की उम्मीदें:
बीजद में उनके शामिल होने से पार्टी को नए उत्साह और नई ऊर्जा का अहसास हो रहा है। पांडियन के नेतृत्व में बीजद नए और सकारात्मक राजनीति की तरह आगे बढ़ सकती है। वी के पांडियन के राजनीतिक आगमन से स्थानीय राजनीतिकों और उनके समर्थकों के बीच नए जन समर्थन की उम्मीद है। उनके अनुभव से मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को समझने में मदद कर सकते हैं।
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