नई दिल्ली : ओला इलेक्ट्रिक ने भारत में अपनी वितरण प्रणाली में एक बड़ा बदलाव करते हुए क्षेत्रीय गोदामों को बंद कर दिया है। अब कंपनी अपनी आपूर्ति पूरी तरह से 4,000 खुदरा बिक्री केंद्रों के माध्यम से करेगी। यह रणनीतिक निर्णय ओला के संचालन में सुधार करने और ग्राहकों को अधिक तेज़ और बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए लिया गया है।
वृद्धि की नई राह
इस बदलाव से कंपनी के कर पूर्व आय (EBITDA) में 10 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके अलावा, वाहनों और कल पुर्जों के प्रबंधन में सुधार होने के साथ-साथ ग्राहकों को तेजी से आपूर्ति मिलने की संभावना है। ओला इलेक्ट्रिक के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, कंपनी की यह रणनीति वितरण में पारदर्शिता लाने और लागत में कमी लाने का काम करेगी।
लाभप्रदता के लिए नयी योजना
ओला इलेक्ट्रिक ने एक त्वरित लाभप्रदता अभियान के तहत लगभग 30 करोड़ रुपये की मासिक बचत का लक्ष्य रखा है। साथ ही, कंपनी की योजना है कि इस महीने 25,000 से अधिक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बेचे जाएं, जिससे उसका इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खंड में नेतृत्व बरकरार रहे।
ग्राहक अनुभव में सुधार
नई रणनीति से बचे वाहनों और कल पुर्जों के प्रबंधन की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। पहले यह प्रक्रिया 30 दिनों में पूरी होती थी, जिसे अब घटाकर 15 दिन कर दिया गया है। वहीं, आपूर्ति की समयसीमा को 10 दिन से घटाकर 4 दिन कर दिया गया है। इस बदलाव से ग्राहक अनुभव में भी सुधार होगा और अंतिम मील पर होने वाली लागत में कमी आएगी।
समाप्त हुई पुरानी प्रक्रिया
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, ‘‘हमारे प्रारंभिक वितरण मॉडल ने विकास के शुरुआती चरणों में अपना काम किया, लेकिन अब कंपनी के तेजी से विस्तार ने ‘फ्रंट-एंड नेटवर्क’ को नए सिरे से तैयार करने की आवश्यकता महसूस कराई।’’ यह नया स्वरूप अब ओला इलेक्ट्रिक को वाहनों और कल पुर्जों का प्रबंधन खुदरा बिक्री केंद्रों पर करने की अनुमति देगा, जिससे वितरण की कई परतें समाप्त हो जाएंगी और ग्राहक सेवा में सुधार होगा।