पाकिस्तान: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के नौशेरा जिले स्थित दारुल उलूम हक्कानिया में हुए एक आत्मघाती धमाके ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एस) के प्रमुख मौलाना हमीदुल हक हक्कानी सहित कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। यह धमाका शुक्रवार की नमाज के दौरान हुआ, जब मदरसा-ए-हक्कानिया के परिसर में लोग इकट्ठे थे।
धमाके का विवरण और सुरक्षा अधिकारियों का बयान
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्य सचिव शाहब अली शाह ने बताया कि विस्फोट में मदरसे के केयरटेकर और जेयूआई-एस प्रमुख मौलाना हमीदुल हक हक्कानी की मौत की पुष्टि की गई है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने यह माना कि विस्फोट आत्मघाती बम हमले का परिणाम हो सकता है, और मुख्य उद्देश्य मौलाना हक्कानी को निशाना बनाना था। खैबर पख्तूनख्वा के आईजीपी जुल्फिकार हमीद ने इस बात की पुष्टि की कि हक्कानी को सुरक्षा के तौर पर छह गार्ड्स मुहैया कराए गए थे।
बता दें कि मौलाना हक्कानी एक राजनीतिज्ञ और इस्लामी विद्वान हैं, जिन्होंने नवंबर 2002 से 2007 तक नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में काम किया। उन्होंने अपने पिता मौलाना समीउल हक की हत्या के बाद जामिया दारुल उलून हक्कानिया के कुलपति और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (सामी) के अध्यक्ष के रूप में भी वह काम कर रहे थे।
मदरसे की वेबसाइट के अनुसार, इसकी स्थापना सितंबर 1947 में इस्लामिक विद्वान मौलाना अब्दुल हक हक्कानी ने की थी। मदरसा पहले भी विवादों में रहा है क्योंकि इसके छात्रों पर पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल होने का आरोप है. हालांकि, मदरसे ने संदिग्धों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया था।