Haidernagar (Palamu-Jharkhand) : झारखंड के पलामू जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए वीर जवान सुनील राम को शुक्रवार को उनके पैतृक गांव परता में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सुबह से ही गांव और आसपास के क्षेत्रों से हजारों लोग अपने लाडले के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे। पूरा इलाका “शहीद सुनील राम अमर रहें” और “भारत माता की जय” के नारों से गूंज रहा था।

Also Read : Palamu Naxalite Encounter : पलामू में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ : दो जवान शहीद, एक गंभीर
जैसे ही बलिदानी सुनील राम का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया। माता-पिता, पत्नी और उनके दो मासूम बच्चों की करुण पुकार ने वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू ला दिए। मां बार-बार बेहोश हो रही थीं और पत्नी शोभा देवी पार्थिव शरीर से लिपटकर रो रही थीं। उनके सात वर्षीय बेटे युवराज और पांच वर्षीय आयुष पिता की अर्थी पकड़कर बिलख रहे थे।

गुदड़ी के लाल का सपना अधूरा
गांव के बुजुर्गों ने बताया कि सुनील राम एक बेहद गरीब परिवार से थे, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने 2012 में पुलिस बल में भर्ती होकर अपने सपने को साकार किया। ग्रामीणों ने उन्हें गांव के युवाओं का मार्गदर्शक बताया। सुनील राम ने हाल ही में अपने गांव में एक नया मकान बनवाया था, ताकि उनके परिवार को बेहतर जीवन मिल सके। उनका सपना था कि वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाएं, लेकिन उनकी शहादत से यह सपना अधूरा रह गया।
नेताओं और अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि
अंतिम संस्कार से पहले शहीद के पार्थिव शरीर को पुलिसकर्मियों ने तिरंगे में लपेटा और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। अभियान एसपी राकेश कुमार, एसडीपीओ एस. मोहम्मद याकूब, थाना प्रभारी अफजल अंसारी समेत कई अधिकारियों और नेताओं ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। अंतिम यात्रा परता गांव से सोन नदी तट तक पहुंची, जहां पिता मलुकन राम ने कांपते हाथों से अपने वीर बेटे को मुखाग्नि दी। यह दृश्य देखकर सभी की आंखें नम हो गईं।
इस दौरान हुसैनाबाद विधायक संजय कुमार सिंह यादव, पूर्व मंत्री कमलेश सिंह और अन्य राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शहीद सुनील राम के बलिदान को पूरे झारखंड के लिए गौरव का विषय बताया।

