Jamshedpur : पटमदा-बोड़ाम मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना केंद्र सरकार की लापरवाही के चलते फंस गई है। इस योजना की प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट 5 महीने पहले ही भेजी जा चुकी है। लेकिन अब तक केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने योजना को तकनीकी स्वीकृति नहीं दी है। इसके चलते योजना की फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही है और योजना को धरातल पर उतारने में देर हो रही है। पटमदा और बोड़ाम इलाके के किसान खेतों को पानी देने के लिए परेशान हैं।
सांसद विद्युत वरण महतो ने पटमदा-बोड़ाम मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के शीघ्र क्रियान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। इस मामले में सांसद ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल आयोग के सचिव से मुलाकात की है। उन्होंने इस योजना को जल शक्ति मंत्रालय से जल्द तकनीकी स्वीकृति दिलाए जाने का मामला उठाया है।
बताते हैं कि इस महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना से पटमदा और बोड़ाम क्षेत्र के लगभग 16900 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। योजना की अनुमानित लागत लगभग 1400 करोड़ रुपये है और इसकी प्री-फीजिबिलिटी रिपोर्ट पांच महीने पहले ही केंद्रीय जल आयोग को भेज दी गई थी। फिर भी केंद्रीय जल आयोग इस योजना को धरातल पर उतारने को लेकर गंभीर नहीं है। इसीलिए इसे अब तक जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से तकनीकी स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
गौरतलब है कि केंद्रीय जल आयोग अब तक इस परियोजना की तीन बार तकनीकी जांच कर चुका है। इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा पेश की जा चुकी है। इसी सिलसिले में सांसद ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सचिव वी एल कांता राव से मुलाकात कर योजना को शीघ्र स्वीकृति दिलाने का अनुरोध किया।
केंद्रीय जल सचिव ने आश्वस्त किया कि सभी तकनीकी बिंदुओं की जांच पूरी होते ही इस योजना को शीघ्र स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी, जिससे क्षेत्र के किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा।

