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Patna High Court Big Decision : शराब के साथ बरामद कैश की जब्ती नहीं कर सकती पुलिस

by Rakesh Pandey
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पटना : बिहार में शराबबंदी कानून के तहत पुलिस की कार्रवाई पर पटना हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि पुलिस शराब के साथ नकद राशि बरामद करती है, तो उसे जब्त नहीं किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण फैसला जहानाबाद जिले के एक मामले में सुनाया गया है, जहां पुलिस ने एक आरोपी के घर से शराब और करीब सवा दो लाख रुपये बरामद किए थे। आरोपी ने इन रकम की वापसी की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। अदालत ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराया और रकम को वापस करने का आदेश दिया।

मामला क्या था?

यह घटना 12 दिसंबर 2021 की है, जब जहानाबाद जिले के टिकुलिया गांव के बृजलाल यादव के घर पर काको थाना पुलिस ने छापा मारा था। छापे के दौरान पुलिस ने उनके घर से शराब और करीब सवा दो लाख रुपये बरामद किए। बाद में पुलिस ने इन रुपयों को जब्त कर लिया। बृजलाल यादव ने इस रकम की वापसी के लिए जिला प्रशासन, एसपी और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।

पटना हाईकोर्ट ने क्या कहा?

पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पी.बी. बजनथरी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए शराबबंदी कानून की धारा 58 पर चर्चा की। कोर्ट ने कहा कि इस धारा के तहत यदि पुलिस शराब के साथ नकदी बरामद करती है, तो उसे जब्त करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया कि शराबबंदी कानून के तहत बरामद की गई नकदी को पुलिस या अन्य अधिकारी जब्त नहीं कर सकते। इसके साथ ही, कोर्ट ने आदेश दिया कि जहानाबाद जिले के काको थाना में जब्त की गई सवा दो लाख रुपये की राशि बृजलाल यादव को तुरंत वापस की जाए।

शराबबंदी कानून में क्या हैं प्रावधान?

बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) अधिनियम के तहत शराबबंदी कानून के प्रावधान स्पष्ट हैं। अगर किसी स्थान से शराब बरामद होती है, तो उस स्थान को सील किया जा सकता है और शराब की बोतलें, बनाने के उपकरण या शराब से संबंधित अन्य सामग्री को जब्त किया जा सकता है। हालांकि, नकदी की जब्ती का कोई प्रावधान नहीं है। कानून में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि शराब के साथ नकदी को जब्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, यदि कोई वाहन शराब से भरा हुआ पाया जाता है, तो उसे जब्त किया जा सकता है, लेकिन नकदी इस सूची में शामिल नहीं है।

हाईकोर्ट का फैसला क्यों है अहम?

यह फैसला न केवल बृजलाल यादव के लिए राहत लेकर आया, बल्कि बिहार राज्य के सभी नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि शराब के साथ बरामद की गई राशि को जब्त नहीं किया जा सकता और यह राशि आरोपी की कानूनी संपत्ति है। इस फैसले से यह सुनिश्चित किया गया है कि अगर शराब के साथ नकद राशि बरामद की जाती है, तो उसे कानूनी रूप से वापस किया जाएगा।

यह फैसला उन मामलों में भी लागू होगा जहां पुलिस ने शराब के साथ नगदी बरामद की है और उसे जब्त कर लिया है। इससे भविष्य में कानूनी विवादों से बचा जा सकेगा और यह स्पष्ट हो जाएगा कि ऐसी राशि आरोपी को लौटानी होगी।

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