प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का विशाल तांता लगा हुआ है और यह मेला दिन-ब-दिन ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को जानकारी दी कि महाकुंभ में गंगा स्नान करने के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा 25 जनवरी, 2025 को दोपहर 12 बजे तक का है। महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू हुआ था और 26 फरवरी तक चलेगा।
बढ़ती संख्या और महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, और हर दिन लाखों लोग पवित्र संगम में स्नान करने और आध्यात्मिक पुण्य प्राप्त करने के लिए पहुंच रहे हैं। विशेष स्नान पर्वों के दौरान यह संख्या करोड़ों तक पहुंच जाती है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, गुरुवार दोपहर 12 बजे तक 30 लाख लोगों ने संगम में स्नान किया। इसमें 10 लाख कल्पवासी और अन्य श्रद्धालु शामिल थे। यह आंकड़ा महाकुंभ मेला की भव्यता और श्रद्धालुओं की आस्था को दर्शाता है।
महाकुंभ 2025 की भविष्यवाणी और श्रद्धालुओं का उत्साह
यूपी सरकार ने पहले ही अनुमान लगाया था कि इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोग स्नान के लिए आएंगे। यह संख्या पिछले कुछ सालों में रिकॉर्ड वृद्धि दर्शाती है। लाखों श्रद्धालुओं का उत्साह और उमंग इस महाकुंभ में साफ नजर आ रहा है। देश-विदेश से लोग त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने के लिए आ रहे हैं, और उनकी आस्था महाकुंभ के दौरान चरम पर है।
बयान में आगे बताया गया कि 23 जनवरी तक संगम में स्नान करने वाले तीर्थयात्रियों का कुल आंकड़ा 10 करोड़ को पार कर गया। इनमें से सबसे अधिक श्रद्धालु मकर संक्रांति के पर्व पर स्नान करने पहुंचे थे, जिनकी संख्या करीब 3.5 करोड़ रही। वहीं पौष पूर्णिमा के दिन 1.7 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी।
प्रयागराज में सामान्य जनजीवन
जहां लाखों श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान करने के लिए उमड़ रहे हैं, वहीं प्रयागराज शहर में सामान्य जनजीवन जारी है। शहर में दैनिक गतिविधियां प्रभावित नहीं हो रही हैं। जिला प्रशासन ने केवल प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान ही कुछ सुरक्षा प्रतिबंध लगाए हैं, जबकि स्कूल, कार्यालय और व्यवसाय सामान्य रूप से चलते रहेंगे। इस दौरान प्रशासन की ओर से व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न हो।
एक ऐतिहासिक आयोजन
प्रयागराज महाकुंभ मेला हर बार एक ऐतिहासिक रूप में सामने आता है, और इस बार भी इसकी भव्यता ने एक नया मुकाम छुआ है। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का भी अवसर प्रदान करता है। इस महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु न केवल गंगा स्नान करते हैं, बल्कि वे आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने के लिए ध्यान और साधना में भी लीन रहते हैं।
महाकुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक सम्मेलनों में से एक है, और इसकी भव्यता और श्रद्धालुओं की आस्था ने इसे हर बार यादगार बना दिया है। इस वर्ष के महाकुंभ में भी यह सारी बातें एक बार फिर साकार हो रही हैं, जो इस धार्मिक आयोजन को और भी ऐतिहासिक बना रही हैं।