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Flag of Jagannath Temple : पुरी में गरुड़ ले गया भगवान जगन्नाथ मंदिर का ध्वज, क्या कोई बड़ा संकेत है ये

by Rakesh Pandey
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पुरी (ओडिशा) : श्री जगन्नाथ मंदिर एक बार फिर से देशभर में चर्चा का केंद्र बन गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक हैरान करने वाले वीडियो में एक विशाल पक्षी, जिसे गरुड़ माना जा रहा है, मंदिर के ध्वज पताका को अपने पंजों में लेकर उड़ता दिख रहा है। यह घटना भक्तों और श्रद्धालुओं के बीच श्रद्धा, आश्चर्य और डर का कारण बन गई है।

वीडियो में यह पक्षी मंदिर के शिखर के चारों ओर चक्कर काटता हुआ दिखाई देता है। दिलचस्प बात यह है कि इस घटना के दौरान भी मंदिर का एक ध्वज (पताका) शिखर पर यथावत लहराता हुआ दिखता है।

क्या यह घटना कोई शुभ-अशुभ संकेत है

इस दृश्य ने धार्मिक मान्यताओं और भावनाओं को झकझोर दिया है। कई लोग इसे भविष्य की किसी बड़ी घटना का संकेत मान रहे हैं। वर्ष 2020 की एक घटना को भी लोग याद कर रहे हैं, जब मंदिर के ध्वज पताका पर बिजली गिरने से आग लग गई थी। उसी वर्ष भारत सहित पूरी दुनिया को कोरोना महामारी का सामना करना पड़ा था, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए।

गरुड़ और भगवान विष्णु का संबंध

गरुड़, हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है। पुरी के श्री जगन्नाथ स्वयं भगवान विष्णु के रूप हैं। ऐसे में गरुड़ का इस तरह मंदिर के ध्वज को उठाना सामान्य घटना नहीं मानी जा रही। इससे जुड़ी कई धार्मिक व्याख्याएं और मान्यताएं सामने आ रही हैं।

पुरी जगन्नाथ मंदिर के रहस्य और परंपरा

800 वर्ष पुराना मंदिर, वास्तुकला और धार्मिक रहस्यों के लिए प्रसिद्ध।

मंदिर का ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है — यह विज्ञान के नियमों को चुनौती देता है।

हर दिन ध्वज बदला जाता है और यह कार्य बिना किसी मशीन या सेफ्टी गियर के हाथ से किया जाता है।

मान्यता है कि यदि एक दिन भी ध्वज नहीं बदला गया, तो मंदिर को 18 वर्षों के लिए बंद करना पड़ सकता है।

कहा जाता है कि ऐसे में यदि मंदिर के कपाट खोले गए, तो प्रलय आ सकता है।

लोगों में डर और श्रद्धा का मिश्रण

इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हजारों प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ इसे ईश्वरीय संकेत मान रहे हैं तो कुछ इसे प्राकृतिक घटना। वहीं, कुछ विशेषज्ञ इसे गरुड़ की प्रजाति के सामान्य व्यवहार से भी जोड़ रहे हैं, हालांकि मंदिर की धार्मिक गरिमा को देखते हुए इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया का भी इंतजार है।

क्या कहता है इतिहास

इतिहास गवाह है कि जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी हर असामान्य घटना को गंभीरता और श्रद्धा से लिया गया है। चाहे वह ध्वज का न लहराना हो या बिजली गिरने की घटना — हर घटना ने लोगों के मन में आस्था के साथ-साथ एक आशंका भी जगाई है।

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