सेंट्रल डेस्क : भारतीय राजनीतिज्ञ और लेखक विनायक दामोदर सावरकर पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को जमानत मिल गई है। पुणे की विशेष अदालत ने राहुल को 25,000 रुपये का जमानती बॉन्ड भरने का फैसला सुनाया। बता दें कि अप्रैल 2023 में सावरकर के पोते सत्याकी सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होनी है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुए पेश
गौरतलब है कि 10 जनवरी को पुणे की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने बताया कि राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जज के समक्ष पेश हुए। कांग्रेस नेता मोहन जोशी, राहुल गांधी के लिए जमानतदार के रूप में पेश हुए। पूरी सुनवाई के बाद जज अमोल शिंदे ने राहुल को जमानत दे दी। न्यायाधीश ने उन्हें अगली सुनवाइयों के दौरान कोर्ट में पेश होने से भी स्थायी तौर पर छूट दे दी है।
क्या कहा था राहुल गांधी ने
राहुल गांधी पर चल रहा यह मामला करीब दो साल पहले शुरू हुआ था, तब राहुल गांधी ने सावरकर पर लंदन में एक टिप्पणी की थी। 5 मार्च 2023 को एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस सांसद ने कहा था, कि ‘सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि एक दिन उन्होंने और उनके 5-6 मित्रों ने एक मुसलमान व्यक्ति को पीटा और उस दिन उन्हें बहुत खुशी हुई। अगर पांच लोग किसी एक आदमी को पीटते हैं और उन्हें बहुत खुशी हो रही है, तो वो कायरता ही है… अगर लड़ना ही है, तो एक व्यक्ति से जाकर अकेले लड़ लो। मगर नहीं, पांच-दस लोग, सावरकर जी के साथ एक इंसान को पीटते हैं। तो इनकी विचारधारा में ये भी है’।
तब राहुल गांधी की इस विवादास्पद टिप्पणी पर खूब हंगामा हुआ। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उनसे माफी मांगने को कहा था, लेकिन कांग्रेस का कहना था कि राहुल माफी नहीं मांगेंगे।
ऐसी कोई घटना नहीं हुई- सत्याकी
इसके बाद सावरकर के पोते सत्याकी ने पुणे में मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने शिकायत दर्ज कराई और अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जानबूझकर गलत टिप्पणी की है। उन्होंने बताया, ‘राहुल गांधी ने जो दावा किया वैसा सावरकर ने किसी किताब में नहीं लिखा है, ना ही ऐसी कोई घटना कभी घटित हुई है। उन्होंने सावरकर का अपमान करने के उद्देश्य से जानबूझकर ये झूठी बातें कहीं’। सत्याकी ने कोर्ट से मांग की थी कि राहुल गांधी को मानहानि कानून (तब IPC की धारा-500) के तहत अधिकतम सजा दी जाए।
21 सितंबर 2024 को ये केस MP/MLA कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था। इसकी सुनवाई के बाद स्पेशल जज अमोल शिंदे ने 4 अक्टूबर 2024 को राहुल गांधी को एक समन भी जारी किया था। हालांकि, तब भी राहुल गांधी कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए थे। दूसरे समन के बाद भी राहुल गांधी कोर्ट नहीं पहुंचे थे। इसके पीछे का कारण देते हुए राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने कहा था कि लोकसभा में विपक्ष के नेता होने और चुनाव प्रचार में व्यस्तता के कारण वे कोर्ट में पेश नहीं हो सकते हैं।