Ranchi : वन भूमि और सेवाय भूमि घोटाले में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार (होटवार) में बंद नामी ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रांची पुलिस ने उन्हें एक नया और गंभीर मामला (जगन्नाथपुर थाना कांड संख्या 458/2025) में गिरफ्तार कर कोर्ट से रिमांड ले लिया है। इस गिरफ्तारी के बाद अब विनय सिंह कुल पांच अलग-अलग आपराधिक मामलों में आरोपी बन चुके हैं, जिनमें से केवल शराब घोटाला मामले में ही उन्हें राहत मिली हुई है।
जगन्नाथपुर थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, निलंबित आईएएस अधिकारी विनय प्रताप सिंह चौबे और उनके कथित करीबी व्यवसायी विनय सिंह समेत सात लोगों पर अरगोड़ा निवासी व्यवसायी दीपक कुमार की कंपनी को आपराधिक साजिश के तहत हड़पने और उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भिजवाने का गंभीर आरोप है। आरोपियों में विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह, विशाल सिंह, अरविंद वर्मा, राजेश कुमार सिन्हा और राजीव कुमार झा का नाम भी शामिल है। शिकायतकर्ता दीपक कुमार का दावा है कि विनय चौबे और विनय सिंह ने मिलीभगत कर उनकी कंपनी पर अवैध कब्जा किया और विरोध करने पर उन्हें फर्जी केस में फंसवाया गया।
वर्तमान में विनय सिंह पर वन भूमि एवं सेवाय भूमि घोटाला (ईडी केस), कंपनी हड़पने एवं धोखाधड़ी का जगन्नाथपुर थाना केस तथा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के तीन अलग-अलग मामले चल रहे हैं। इनमें केवल एक शराब घोटाला संबंधी मामले में उन्हें जमानत मिली है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जगन्नाथपुर थाना मामले में विनय सिंह से पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड लिया गया है। जांच अधिकारी का कहना है कि कंपनी हड़पने में इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों, बैंक ट्रांजेक्शन और अन्य सबूतों की गहन पड़ताल की जा रही है।कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक विनय सिंह को बाकी चार मामलों में जमानत नहीं मिल जाती, तब तक जेल से बाहर निकलना उनके लिए लगभग असंभव है। इस नई गिरफ्तारी ने न केवल उनके लिए बल्कि निलंबित आईएएस विनय चौबे के लिए भी नई कानूनी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।

