रांची: अगर कुछ हासिल करने का जज्बा हो तो कोई भी चुनौती को पार पाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है रांची के लेक रोड में रहने वाली अनन्या पॉल ने। जिसने इंटरमीडिएट आर्ट्स में सिटी टॉप किया है। उसे 463 नंबर मिले है। अनन्या की इस उपलब्धि पर स्कूल की प्रिंसिपल और टीचरों ने भी बधाई दी है। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि उसके माता-पिता घर के बाहर ही पकौड़े की स्टॉल लगाते है। इससे न केवल वे अपने घर का भरण-पोषण कर रहे है। बल्कि अपनी दोनों बेटियों को बेहतर शिक्षा देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
अनन्या बताती है कि कैसे उसके पिता कोविड में बेरोजगार हो गए। इससे पहले मारवाड़ी कालेज में लाइब्रेरी इंचार्ज के पद पर थे। लेकिन कोविड में नौकरी चली गई। घर में स्थिति काफी खराब हो चली थी। कमाई का कोई जरिया नहीं था। इस बीच उसकी मां सुनिता पाल और पिता नवीन पाल ने घर के बाहर ही टेबल पर फूड स्टॉल लगा दिया। बस फिर क्या था धीरे-धीरे उनका स्टॉल चल पड़ा। आज उसी की कमाई से पूरे परिवार का भरन पोषण चल रहा है। माता-पिता के अलावा घर में दादा-दादी और एक छोटी बहन भी है।
आर्ट्स की सिटी टॉपर अनन्या अपने पिता के बिजनेस को आगे बढ़ाना चाहती है। वह चाहती है कि इसी स्टॉल से वह एक ब्रांड का नाम देकर डेवलप करे। इसके लिए वह मैनेजमेंट की पढ़ाई करना चाहती है। ये पूछने पर कि क्या पिता की कमाई से ये संभव हो पाएगा। उसका कहना है कि हम बहनों की पढ़ाई और घर खर्च जितना कमाई दुकान से हो जाती है। उम्मीद है कि आगे भी दिक्कत नहीं होगी। वहीं यह दुकान को डेवलप कर अपने पिता को बिजनेस करने में मदद भी करेगी।