RANCHI (JHARKHAND): रांची नगर निगम (RMC) क्षेत्र में रहने वाले 70,000 से अधिक हाउस होल्डर्स ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का होल्डिंग टैक्स अब तक जमा नहीं किया है। ऐसे में निगम को करीब करोड़ों रुपये के राजस्व घाटे का सामना करना पड़ रहा है। जिससे नगर निगम का कार्य प्रभावित हो रहा है। नगर निगम लगातार बकायेदारों को नोटिस भेज रहा है, लेकिन फिर भी लोग बकाया टैक्स जमा करने को तैयार नहीं है। ऐसे में अब निगम सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। वहीं लंबे समय से टैक्स जमा नहीं करने वालों की जलापूर्ति और कूड़ा कलेक्शन जैसी उपयोगिता सेवाएं बंद की जा सकती हैं।
15 परसेंट तक मिल रही छूट
नगर निगम ने करदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए पहले तिमाही में टैक्स जमा करने पर 10 से 15% तक की छूट देने की भी घोषणा की है। यह छूट डिजिटल भुगतान और डोरस्टेप कलेक्शन चैनल्स के माध्यम से करदाताओं को उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं स्पेशल कैटेगरी वाले लोगों को अलग से छूट का प्रावधान किया गया है।
डोर टू डोर भी टैक्स कलेक्शन
वर्तमान में निगम घर-घर जाकर, डिजिटल चैनल्स और जन सुविधा केंद्रों के माध्यम से टैक्स संग्रह कर रहा है। अब निगम ने वार्ड स्तर पर सख्ती से अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत खाली प्लॉट की जांच की जाएगी और उन आवासीय इकाइयों पर जुर्माना लगाया जाएगा जो बिना घोषणा के व्यावसायिक उपयोग में ली जा रही हैं।
टैक्स कलेक्शन के लिए सख्ती
नगर निगम की सख्ती का मुख्य उद्देश्य कर संग्रह को बढ़ाना और राजस्व में सुधार लाना है। जिससे कि शहर में विकास और नागरिक सुविधाओं को समय पर पूरा किया जा सके। निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर के विकास कार्य और साफ-सफाई अभियानों के लिए कर संग्रह आवश्यक है। बकायेदारों की वजह से योजनाओं के क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है। नगर निगम के उप नगर आयुक्त गौतम प्रसाद साहू ने जानकारी दी कि नगर निगम को 83 करोड़ रुपये होल्डिंग टैक्स के रूप में प्राप्त होना था, लेकिन 31 मार्च 2025 तक 1.67 लाख घरेलू और व्यवसायिक हाउस होल्डर ने सिर्फ 80.64 करोड़ रुपये ही जमा किया। इस बीच 2019-20 से लेकर अब तक की बकाया राशि भी इस राजस्व घाटे में शामिल है।
निगम ने की लोगों से अपील
निगम ने नागरिकों से अपील की है कि समय पर टैक्स जमा कर अपने कर्तव्यों का पालन करें ताकि शहर को साफ, विकसित और सुविधाजनक बनाया जा सके। इस अभियान के दौरान टैक्स जमा न करने वालों की सूची सार्वजनिक की जाएगी और बार-बार चेतावनी के बाद भी भुगतान नहीं करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम का कहना है कि कर भुगतान में नागरिकों की भागीदारी शहर को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।