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Ranchi News : स्कूल में 5 साल की बच्ची को कमरे में बंद कर चले गए शिक्षक, दो घंटे तक रोती रही, ग्रिल तोड़कर बचाई गई

by Rakesh Pandey
Ranchi school negligence
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रांची : झारखंड के चान्हों प्रखंड के बरहे गांव स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में शुक्रवार को शिक्षकों की लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया। विद्यालय की कक्षा-1 में पढ़ने वाली पांच वर्षीय छात्रा निशिता कुमारी को छुट्टी के बाद क्लासरूम में ताले में बंद कर छोड़ दिया गया। बच्ची करीब दो घंटे तक रोती रही, जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से ग्रिल तोड़कर उसे बाहर निकाला गया।

Jharkhand School Negligence : कक्षा में बंद रही छात्रा, शिक्षकों ने नहीं किया चेक

यह घटना दोपहर करीब 3 बजे की है, जब विद्यालय में छुट्टी के बाद सभी कमरों में ताले लगा दिए गए थे। किसी भी शिक्षक या स्टाफ ने यह जांच नहीं की कि सभी छात्र बाहर निकल चुके हैं या नहीं। यह लापरवाही एक मासूम की जान पर भारी पड़ सकती थी।

Ranchi Classroom Incident : मवेशी चरा रहे बच्चों ने सुनी रोने की आवाज

करीब दो घंटे बाद कुछ स्थानीय बच्चे, जो पास में बकरी चरा रहे थे, ने निशिता के रोने की आवाज सुनी। जब उन्होंने खिड़की से झांककर देखा तो पता चला कि बच्ची अंदर बंद है। इसकी सूचना तत्काल गांव के लोगों और परिजनों को दी गई। सूचना पाकर गांव में हड़कंप मच गया।

Principal’s Response : ‘बच्ची ठीक है न, मर तो नहीं गई?’

इस घटना की जानकारी जब प्रभारी प्रधानाचार्य गन्ना उरांव को दी गई, तो उन्होंने बेहद असंवेदनशील टिप्पणी करते हुए कहा, ‘बच्ची ठीक है न, मर तो नहीं गई?’ — इतना कहने के बाद भी वे घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। इससे स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया।

ग्रिल तोड़कर ग्रामीणों ने बच्ची को निकाला, परिजनों को सौंपा गया

ग्रामीणों ने स्कूल की ग्रिल तोड़कर बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला और उसके परिजनों के हवाले कर दिया। बच्ची की जुड़वां बहन मीनाक्षी भी उसी स्कूल में पढ़ती है। निशिता के पिता मुनेश गोप ने बताया कि छुट्टी के बाद मीनाक्षी तो घर आ गई थी, लेकिन निशिता के नहीं लौटने पर पूरा परिवार चिंतित हो गया था और गांव भर में उसे खोजा जा रहा था।

Principal’s Defense : बच्चों की भूल बताकर पल्ला झाड़ा

प्रभारी प्रधानाचार्य गन्ना उरांव ने इस पूरे मामले की जिम्मेदारी से इनकार करते हुए कहा कि ‘छुट्टी के बाद बच्चों ने खुद क्लास में ताला लगाया और किसी ने यह नहीं देखा कि कोई बच्चा अंदर है’, उन्होंने इसे बच्चों की गलती बताया।

School Negligence in Ranchi : लापरवाही से मासूम की जान पर बन आई

यह घटना विद्यालय प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। किसी भी सरकारी या निजी शैक्षणिक संस्थान में बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। यहां सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी की गई, जिससे एक मासूम की जान खतरे में पड़ गई।

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