हेल्थ डेस्क/जमशेदपुर के उमा हॉस्पिटल में शव को चूहों ने कुतरा : नेशनल हाइवे-33 स्थित उमा हॉस्पिटल में गुरुवार को एक शव को चूहों ने कुतर दिया। इसके बाद उनके परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान काफी संख्या में लोग जुट गए। बढ़ते मामले को देखते हुए मौके पर दल-बल के साथ उलीडीह पुलिस भी पहुंची। आक्रोशित परिजनों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। मामला एसएसपी प्रभात कुमार तक पहुंच गया। परिजन एसएसपी से मिलकर अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसे देखते हुए शव का देर शाम पोस्टमार्टम हुआ। साथ में उसका वीडियोग्राफी भी कराई गई है। ताकि रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई हो सकें।
क्या है मामला
सरायकेला-खरसावां जिले के कुकड़ू प्रखंड स्थित काडरगमा निवासी सहदेव महतो (30) का बीते शुक्रवार को सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। इसके बाद उसे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल लाया गया। यहां पर प्राथमिक उपचार के बाद रांची रिम्स भेज दिया गया। वहां पर सर्जरी करने की बात कहीं गई।
इसके बाद पीड़ित को उसके परिजन वापस जमशेदपुर लेकर चले आएं और एक अगस्त को उमा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। इस दौरान चिकित्सकों ने मरीज को देखा और उसकी स्थिति अत्यंत गंभीर बताई। तीन अगस्त को ऑपरेशन होने का तिथि निर्धारित किया गया लेकिन इससे पूर्व ही दो अगस्त की रात मरीज की मौत हो गई।
इसके बाद शव को परिजनों ने रातभर अस्पताल में ही छोड़ दिया। सुबह जब शव लेने आए तो देखा कि शव का निचले होंठ व एक आंख को चूहों ने कुतर दिया है। जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया।
आधे घंटे में शव ले जाने की बात कह नहीं ले गए परिजन
उमा हॉस्पिटल के संचालक डा. ओम प्रकाश ने कहा कि इसमें अस्पताल प्रबंधक की लापरवाही कहीं नहीं है। मरीज की मौत होने के बाद परिजनों को स्पष्ट किया गया कि यहां शव गृह नहीं है। ऐसे में शव को टीएमएच या फिर एमजीएम के शव गृह में रखवा दें। इस दौरान परिजनों ने बताया कि आधे घंटे में शव को ले जाते हैं लेकिन नहीं ले गए। जिसके कारण रातभर बेसमेंट में शव पड़ा रहा और इस दौरान चूहों ने कुतर दिया। इसमें अस्पताल प्रबंधन की क्या गलती है?
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