VIVEK SHARMA
RANCHI: राज्य का सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स का विवादों से पुराना नाता है। कभी अव्यवस्था को लेकर तो कभी नियुक्ति को लेकर। अब एक बार फिर से सेवा निवृत कर्मी की पुनर्नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं। इतना ही इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव से की गई है। जिसमें नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया है। वहीं इस मामले में तत्काल कार्रवाई की अपील की गई है।
क्या लिखा है शिकायत में
रिम्स रांची में सेवा निवृत्त कर्मी की नियुक्ति को लेकर झारखंड सरकार के स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग को भेजे गए एक पत्र में आरोप लगाया गया है कि वित्त विभागीय संकल्प संख्या 1243/वि. दिनांक 28-04-2016 को दरकिनार करते हुए आलोक कुमार तपस्वी को अनियमित रूप से रिम्स में वित्तीय आंतरिक सलाहकार पद पर कार्यरत रखा गया है।
उक्त संकल्प के अनुसार, सेवा निवृत्त कर्मियों को अधिकतम तीन वर्षों या 65 वर्ष की आयु तक ही अनुबंध के आधार पर कार्य पर रखा जा सकता है। यदि इसके पश्चात किसी को कार्य पर रखना हो, तो इसके लिए मंत्रिमंडल की स्वीकृति अनिवार्य है। इस नियम के तहत पूर्व में रंजना वर्मन (प्रशासनिक पदाधिकारी), हैदर अली (निगरानी पदाधिकारी), रविन्द्र तिवारी (प्रधान लिपिक) सहित अन्य कई कर्मियों को कार्यमुक्त कर दिया गया था। लेकिन आलोक कुमार तपस्वी को 65 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बावजूद पुनः कार्य पर रखा गया, जिससे पारदर्शिता और नियमों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
आरोप है कि तपस्वी को मंत्री को गुमराह कर योजनागत राशि के उपयोग में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से नियुक्त रखा गया। शिकायत में मांग की गई है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए, ताकि संस्थान में नियम आधारित कार्यसंस्कृति बनी रहे और अराजकता को रोका जा सके।
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