रांची: रिम्स निदेशक प्रो डॉ शशि बाला सिंह ने बुधवार को रिम्स के इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया। उनके साथ चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेन्द्र बिरुआ, अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी, क्रिटिकल केयर विभागाध्यक्ष सह ट्रामा सेंटर इंचार्ज डॉ प्रदीप भट्टाचार्य, उपाधीक्षक-1 डॉ अजय कुमार और प्रशासनिक पदाधिकारी कर्नल एके श्रीवास्तव उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान निदेशक ने इमरजेंसी में भर्ती प्रक्रिया को अधिक त्वरित और सरल बनाने हेतु अधिकारियों को एक प्रभावी प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिये।
समय पर हो मरीजों का इलाज
डॉ शशि बाला सिंह ने कहा कि इमरजेंसी में मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया को आसान और त्वरित बनाना आवश्यक है ताकि हर मरीज को समय पर इलाज मिल सके। इसी क्रम में उन्होंने 10 मल्टीपर्पस वर्कर्स को नए मरीजों के लिए हर समय उपलब्ध रखने का निर्देश भी दिया।
4 घंटे के अंदर मरीज देखें डॉक्टर
निरीक्षण के दौरान एक महत्वपूर्ण शिकायत यह सामने आई कि विभिन्न विभागों के कंसल्टेंट कॉल के बाद भी कई बार मरीजों को देखने में कई दिनों की देरी होती है। इस पर सख्ती दिखाते हुए निदेशक ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया कि किसी भी मरीज को कॉल के चार घंटे के भीतर देखा जाना अनिवार्य होगा।
स्थिर मरीजों को पेइंग वार्ड में शिफ्ट करें
स्थिर मरीजों के ट्रामा सेंटर से अन्य वार्डों (जैसे पेईंग वार्ड या कॉटेज वार्ड) में निर्बाध रूप से स्थानांतरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि ट्रामा सेंटर से मरीजों के ट्रांसफर में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सीएमओ और सिस्टर प्रभारी को जिम्मेदारी दी गई है। पेईंग वार्ड में स्थानांतरित किए जा रहे मरीजों के बीएचटी पर इमरजेंसी एक्टेंशन की मुहर लगाना अब अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए सभी सीएमओ को अपने नाम, पदनाम और रजिस्ट्रेशन नंबर वाली मुहर बनवाने का निर्देश भी दिया गया है। निरीक्षण के दौरान कॉटेज के आसपास और रिम्स कैंटीन के पीछे फैली गंदगी पर नाराजगी जताते हुए निदेशक ने उसे तुरंत साफ कराने के आदेश दिये। इसके अलावा सभी वार्डों में साफ-सफाई, शौचालयों की नियमित सफाई, बेडशीट और कंबलों की व्यवस्था 10 दिनों के भीतर सुधारने का निर्देश भी दिया गया है। पुरानी इमरजेंसी स्थित अमृत फार्मेसी और जन औषधि केंद्र के बीच की खाली जगह को अब जन औषधि केंद्र के विस्तार हेतु उपयोग में लाया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पूर्व मंगलवार को भी निदेशक ने अस्पताल परिसर का दौरा किया था, जहां सुबह 9:30 बजे तक अधिकतर विभागों में वरीय चिकित्सक उपस्थित मिले।