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RIMS GOVERNING BODY MEETING: रिम्स गवर्निंग बॉडी की बैठक में कई प्रस्तावों पर लगी मुहर, अब टेलीमेडिसीन से मरीज करा सकेंगे इलाज

by Vivek Sharma
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रांची: रिम्स में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी की अध्यक्षता में जीबी की बैठक हुई। जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करना। सीएम हेमंत सोरेन जी ने मुझ पर भरोसा जाताया है। एक डॉक्टर इस राज्य का स्वास्थ्य मंत्री है। जल्द ही आपको इसका परिणाम देखने को मिलेगा। मुझे इसके लिए थोड़ा समय दे। हमने बेहतर लैब बनाने का निर्देश दिया है। अच्छे ट्रेंड अप्रेंटिस रखने के साथ ही अच्छी क्वालिटी की दवाएं भरपूर मात्रा में खरीदने को कहा है। जिससे कि इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कोई परेशानी नहीं होगी। वहीं रिम्स में जल्द ही टेली मेडिसिन की सुविधा शुरू की जाएगी। इससे मरीज घर बैठे ही अपना इलाज करा सकेंगे।

झारखंड आना चाहते है डॉक्टर

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले मैं अहमदाबाद गया था। जहां डॉक्टरों का एक डेलीगेशन मिलने आया। वे भी झारखंड में अपनी सेवा देना चाहते है। उन्होंने कहा कि हमारा 200 डॉक्टरों का यूनियन है। हमलोगों ने उन्हें झारखंड में आने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी एजेंसियां काम कर रही है उसका फिर से टेंडर किया जाएगा। चाहे वे जांच करने वाली एजेंसी हो। उन्होंने कहा कि एजेंसियां  जांच कर रही है। लंबे समय से जांच कर रही है लेकिन इसका कोई फायदा मरीजों को नहीं मिल रहा है। इन एजेंसियों को केवल हम पैसा दे रहे है।  इन्होंने जो जांच की है उसमें कई त्रुटियां मिली है। जिसकी रिपोर्ट मांगी गई है। डाइट वाली एजेंसी भी गड़बड़ खाना दे रही है। इन सभी चीजों पर नजर है। वहीं स्टाफ उपलब्ध कराने वाली एजेंसी नॉन टेक्निकल स्टाफ दे रही है।

पास एजेंडा का अनुपालन कराए

अपर मुख्य सचिव अजय कुमार ने कहा कि जीबी का निर्णय जो हो चुका है उसका अनुपालन कराने को कहा गया था। लेकिन कई ऐसे मुद्दे सामने आए है कि जब अनुपालन की बात हो रही है तो कहा जा रहा है कि ये गलत है। उसमें डायरेक्टर भी कुछ एजेंडे को गलत बता रहे है। उन्होंने कहा कि अगर ये गलत है तो किन नियमों के आधार पर यह भी बताए। साथ ही कहा कि जो निर्णय जीबी की सहमति से पास हुए उसका अनुपालन एक से दो महीने में कराया जाए।

रिम्स को सदर से सीखने की जरूरत

सचिव अजय कुमार ने कहा कि हमें सदर हॉस्पिटल से सीखने की जरूरत है। 500 से ज्यादा बेड वाले इस हॉस्पिटल में केवल आयुष्मान योजना के तहत इलाज कर साल में 26 करोड़ रुपये क्लेम किया जा रहा है। इस पैसे का इस्तेमाल मरीजों के हित में किया जा रहा है। रिम्स में भी 2000 बेड है और डॉक्टर भी काफी है। रिम्स में भी इस योजना के तहत क्लेम लिया जा सकता है। इस राशि को खर्च करने के लिए भी किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।

5 नए मोक्ष वाहन खरीदे जाएंगे

सिटी स्कैन मशीन के आने से मरीजों की जांच में तेजी आएगी। वहीं शव ले जाने के लिए रिम्स में पांच नए मोक्ष वाहन की खरीदारी की मंजूरी मिली है। इससे मोक्ष वाहन की सुविधा लोगों को निशुल्क मिलेगी। इसके अलावा रिम्स में मरने वालों के आश्रितों को 5 हजार रुपये दिए जाएंगे। इतना ही नहीं परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए किट दिया जाएगा।

हॉस्पिटल की सुरक्षा होगी दुरुस्त

हॉस्पिटल की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों की संख्या कम की जाएगी। अब उनकी जह प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड लेंगे। ऐसे में 50% गार्ड प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों से लिए जाएंगे।

बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी

हॉस्पिटल के इमरजेंसी और इनडोर में मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा हॉस्पिटल में मैनपॉवर के लिए वैकेंसी निकाली जाएगी। कैंपस में पार्किंग की सुविधा दुरस्त करने को मंजूरी मिली है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि अवैध पैसा वसूलने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। अब हर महीने जीबी की बैठक होगी। वहीं रिम्स में कार्यरत अनुबंध के सभी एजेंसियों का मूल्यांकन किया जाएगा।

59वीं शासी परिषद में लिए गए निर्णय

  1. रिम्स में राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत पद पर नियुक्त कर्मियों/ पदाधिकारियों को सेवानिवृति ग्रेच्युटी राशि का भुगतान वेतन शीर्ष से देने की स्वीकृति
  2. चिकित्सकों के प्रोन्नति से संबंधित गठित प्रोन्नति समिति द्वारा समीक्षा उपरांत प्रोन्नति का निर्णय।
  3. पीपीपी मोड पर कार्य संचालित कर रही जांच एजेन्सी का लंबित विपत्र का केस-टू-केस समीक्षा उपरांत भुगतान एवं न भुगतान की राशि का आकलन करने के उपरांत बकाया भुगतान पर निर्णय।
  4. स्वास्थ्य विभागीय जांच समिति द्वारा मॉड्यूलर ओटी के कार्य को संतोषजनक पाए जाने के फलस्वरूप लंबित भुगतान करने पर निर्णय।
  5. निविदा निष्पादन में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का अनुपालन करने पर निर्णय।
  6. चिकित्सा के दौरान रिम्स में मरीजों के मृत्यु होने पर व उनके परिजनों द्वारा नेत्रदान या अंगदान करने पर रु 5,000 अंतिम संस्कार हेतु देने तथा उन सभी नेत्रदाताओं या अंगदाताओं के शव को रिम्स से घर तक ले जाने हेतु निःशुल्क शव वाहन की व्यवस्था का नियमानुसार करने का निर्णय।
  7. ट्रॉमा सेन्टर/ इमरजेंसी / ICU में वेंटिलेटर बेड की क्षमता बढ़ाने का निर्णय।
  8. हॉस्पिटल मैनेजर, प्रोटोकॉल पदाधिकारी एवं डायटिशियन का कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्ति का निर्णय।
  9. नियमित एवं सक्षम स्तर से स्वीकृति उपरांत नियुक्त तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के पदाधिकारियों/कर्मियों को O.P.S. का लाभ देने का निर्णय।
  10. बेहतर सुरक्षा के दृष्टिकोण से 50% गृह रक्षकों एवं 50% निजी सुरक्षाकर्मियों का बाह्य श्रोतिय व्यवस्था के माध्यम से रखने पर निर्णय।
  11. 10 वर्ष से अधिक अनुबंध / दैनिक वेतन पर कार्यरत तृतीय/चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के समायोजन के लिए कार्मिक विभाग के संकल्प के अनुसार प्रतिवेदन 30 दिनों के अंदर प्रशासी (स्वास्थ्य) विभाग के माध्यम से राज्य सरकार को भेजने का निर्णय।
  12. GDMO/MO चिकित्सा संवर्ग के प्रोन्नति के लिए नियमावली बनाने हेतु एक समिति के माध्यम से प्रस्ताव बनाने का निर्णय।
  13. कैंसर रोगियों के गहन जांच हेतु पीपीपी मोड पर PET स्कैन मशीन लगाने का निर्णय।
  14. कोविड संक्रमण अवधि से रु 10000/- प्रतिमाह मानदेय पर कार्यरत प्रशिक्षु नर्सों के मानदेय को रु 25000/- प्रतिमाह की स्वीकृति।
  15. SR के रिक्त पदों को स्वास्थ्य विभाग के निर्णयानुसार 20% मेधा सूची के क्रम से भरने पर निर्णय

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