चक्रधरपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर रेल मंडल में आरपीएफ अपराध को बढ़ावा देने के लिए है या फिर आरपीएफ रेलवे की सुरक्षा करने के लिए है, यह समझना अब मुश्किल हो गया है। राउरकेला में चरमराई विधि व्यवस्था को देखकर तो ऐसा लग रहा है कि यहां अपराध और भ्रष्टाचार की छूट मिली हुई है। क्योंकि अब रेलवे के ही अधिकारी आरपीएफ पर अपराध बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं।
ताज़ा मामले में राउरकेला में वेंडरों ने स्टेशन मास्टर को ही मारकर घायल कर दिया। स्टेशन मास्टर का अस्पताल में इलाज हुआ। यह घटना गुरूवार सुबह दस बजे की बताई जा रही है। जानकारी मिली है कि गुरुवार सुबह राउरकेला फ़ूड प्लाजा के दो वेंडर गुलशन यादव और शाहबिर यादव राउरकेला स्टेशन मास्टर के केबिन में घुस गए।
इसके बाद वेंडरों ने स्टेशन मास्टर एलडी तिवारी के ऊपर आरोप लगाया की वे लोग पैसा लेकर यात्री ट्रेनों को एक नंबर के बजाए दो नंबर या दूसरे प्लेटफोर्म पर ले रहे हैं। इससे उनके फ़ूड प्लाजा की कमाई पूरी तरह से खत्म हो गई है। ऐसे में उनका फ़ूड प्लाजा का लाइसेंस फीस भरना मुश्किल हो जाएगा।
इस पर दोनों तरफ से बहस हुई और बहस इतनी बढ़ गई कि मारपीट भी हो गई। इस मारपीट के दौरान जहां स्टेशन मास्टर को अंदरूनी चोट आई। वहीं, वेंडर शाहबिर के एक हाथ की अंगुली कट गई।
जैसे ही दोनों वेंडर प्लेटफार्म संख्या दो पर पहुंचे वैसे ही स्टेशन मास्टर आरपीएफ को लेकर पहुंचे और दोनों वेंडरों को आई कार्ड नहीं होने पर अवैध वेंडर के आरोप में पकड़ लिया। दोनों को जीआरपी के हवाले कर दिया गया। जहां दोनों पर जीआरपी द्वारा स्टेशन मास्टर की शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है। स्टेशन मास्टर पर मामला दर्ज किया जा रहा है। इस मामले में स्टेशन मास्टर ने मीडिया को जो बयान दिया है वह चौंकाने वाला है।
स्टेशन मास्टर का कहना है कि राउरकेला स्टेशन में बढ़े अपराध का सबसे बड़ा कारण आरपीएफ और जीआरपी हैं। कई बार अवैध वेंडर से लेकर अन्य अवैध कारोबार की सूचना देने पर भी आरपीएफ व जीआरपी कार्रवाई नहीं करती हैं। इसी का नतीजा है की आज उनके साथ भी मारपीट की घटना हुई है।
इधर फ़ूड प्लाजा के वेंडर गुलशन और शाहबिर का कहना है कि उन्हें अब तक आई कार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है। जबकि, वे अधिकारिक रूप से राउरकेला स्टेशन के फ़ूड प्लाजा के कर्मी हैं।
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